NCR-Delhi to stop new plots scheme
बंगला हुआ पुराना, हाईराइज का जमाना
किरणपाल राणा ॥ नवयुग मार्केट
एनसीआर में कोठी – बंगले की चाहत रखने वालों के लिए बुरी खबर है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड एक ऐसी पॉलिसी पर काम कर रहा है , जिसके तहत मकान बनाने के लिए प्लॉट नहीं मिल सकेंगे। लोगों को ग्रुप हाउसिंग में फ्लैट लेकर ही रहना होगा। बोर्ड की यूपी सेल के चीफ कोऑर्डिनेटर एस . के . जमान के अनुसार , घरों की बढ़ती डिमांड और घटती जमीन के मद्देनजर ऐसा किया जा रहा है। बताते चलें कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने भी हाल ही में दिल्ली में हाईराइज बिल्डिंगों की वकालत की थी।
यह है समस्या : एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की सर्वे रिपोर्ट के के मुताबिक , गाजियाबाद में हर साल औसतन 1.97 लाख लोग नए मकानों की डिमांड करते हैं। जीडीए , आवास – विकास परिषद और यूपीएसआईडीसी इस जरूरत को पूरा करने के लिए काम करती हैं। हालांकि तीनों विभाग डिमांड पूरी नहीं कर पाते हैं। 2005 में प्रदेश सरकार ने पॉलिसी बदलकर हाउसिंग डिवेलपमेंट में प्राइवेट सेक्टर को भी मौका दिया। इसके बाद नई समस्या खड़ी हो गई। मकान बनाने के लिए बढ़ती जमीन की मांग के एवज में खेती की जमीन कम हो रही है। पिछले 5 साल में खेती की करीब 16 हजार एकड़ जमीन रेजिडेंशल यूज के लिए किसानों से ली गई। अब खेतों को बचाने के लिए बोर्ड नई पॉलिसी तैयार करने में जुटा है।
ग्रुप हाउसिंग की ऊंचाई भी बढ़ेगी : जमान के अनुसार , पॉलिसी के लिए बोर्ड इस बात पर विचार कर रहा है कि अथॉरिटी प्लॉट स्कीम बंद करें। साथ ही नई ग्रुप हाउसिंग स्कीमों में बिल्डिंग की ऊंचाई बढ़ाई जाए। यह सिर्फ उस एरिया में होगा , जहां एयरफोर्स का फ्लाई जोन न हो।
5-6 महीने लगेंगे : बोर्ड की यूपी सेल के चीफ कोऑर्डिनेटर ने बताया कि 5-6 महीने में नई रेजिडेंशल पॉलिसी तैयार होने की संभावना है। मेरठ और बागपत भी बोर्ड के दायरे में आएंगे। जमान के अनुसारख् पॉलिसी लागू करने के लिए संबंधित राज्य को भेजी जाएगी।
http://navbharattimes.indiatimes.com/bungalow-was-old-the-age-of-highridge/articleshow/16580590.cms