NCR Water Needs: Himalaya to Quench Thirst

हिमालय ही बुझाएगा एनसीआर की प्यास

Thursday, January 19, 2012  

भविष्य में भागीरथ्‍ाी के सहारे चलेगी करोड़ाें की जिंदगी
दिल्ली-एनसीआर के पीने को पहाड़ से लाना पड़ेगा पूरा पानी
2021 में यहां होगी 25 हजार एमएलडी पानी की जरूरत
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने दिखाई राह
गंगा किनारे गढ़ और बुलंदशहर में लगाने होंगे वाटर प्लांट

गाजियाबाद। अभी से बूंद-बूंद पानी को तरसते दिल्ली-एनसीआर में जब बीस बरस बाद भीषण जल संकट गहराएगा, तब बुरे वक्त में अपना हिमालय ही काम आएगा। विशेषज्ञों ने भागीरथी-गंगा का तीन गुना ज्यादा पानी लाकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की प्यास बुझाने की राह सुझाई है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड (एनपीबी) ने मिशन 2021-31 में टिहरी बांध को दिल्ली-एनसीआर की ‘लाइफ लाइन’ बताया है।
एनपीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, जनसंख्या विस्फोट के चलते अगले दस साल में दिल्ली-एनसीआर की जल जरूरत तीन गुना बढ़ जाएगी। 2021 में यहां पीने के लिए करीब 12 हजार एमएलडी पानी की दरकार होगी तो उद्योगों के लिए भी इतना ही पानी जरूरी होगा। हालात खराब इसलिए होंगे, क्योंकि यहां मांग के मुकाबले भूजल उपलब्धता एक चौथाई से भी कम रह जाएगी। हालात भांपकर प्लानिंग बोर्ड ने अभी से केन्द्र और राज्य सरकारों से तुरंत वैकल्पिक जल इंतजामों में जुटने की सिफारिश की है। इसका ब्लूप्रिंट भी सरकार को भेजा जा चुका है।
एनपीबी यूपी रीजन के कमिश्नर सीएस वर्मा बताते हैं कि अगले बीस साल में दिल्ली-एनसीआर की जिंदगी चलाने को पहाड़ से कई गुना ज्यादा पानी यहां लाना पड़ेगा। गंग नहर इसमें सहायक होगी। और आगे की सोचकर यहां स्वीट वाटर का सबसे बड़ा जरिया बन रही गंगा नदी के किनारे गढ़-बुलंदशहर में वाटर संयंत्र भी लगाने होंगे। उन संयंत्रों से पानी खींचकर पाइप लाइंस के जरिए दिल्ली-एनसीआर में लाना होगा। इन शहरों की प्यास तभी बुझेगी। एनपीबी ने फ्यूचर रिपोर्ट में इन सब बातों को शामिल किया है।

गाजियाबाद का फायदा
पहाड़ से ज्यादा पानी आने और गढ़-बुलंदशहर में जल संयंत्र लगाकर वहां से जल सप्लाई होती है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा गाजियाबाद को ही मिलेगा।

http://www.amarujala.com/city/Ghaziabad/Ghaziabad-13033-111.html