Fast Trains to NCR Towns under RRTS
RRTS-Baraut-Hissar-Meerut-Panipat-alwar
RRTS-Meerut-Rote-Stations-ProjectDetails-AmarUjala
RRTS-Meerut-Alwar-Panipat-Map-Project-info
NCR-Towns-RRTS-8-Corridors-Network-Map
NCR-RRTS and Orbital rail Network Map
RRTS-UP-Towns-Meerut-Hapur-Khurja
Delhi-Sonepat-Panipat-RRTS-Route-Map-Info
Ghaziabad-Meerut-Existing-Rail-Route
Two new corridors to link Delhi with Haryana, U.P.
Staff Reporter
Two new corridors have been identified for expansion of the Regional Rapid Transit System (RRTS) that will link the national Capital with Haryana and Uttar Pradesh. Following a meeting of the representatives of Delhi, Haryana and Uttar Pradesh with Union Urban Development Minister Kamal Nath on Thursday, it was announced that the RRTS will be expanded to the Delhi-Bahadurgarh-Rohtak-Hissar corridor and the Delhi-Shahadra-Baraut corridor.
Announcing this, Mr. Nath said these corridors will be taken up on priority basis and feasibility studies will be conducted soon. The feasibility report on the Delhi-Alwar, Delhi-Panipat and Delhi-Meerut corridors has already been completed and work on the detailed project reports will begin soon, the Minister said.
These three corridors of phase-I will cost approximately Rs.72,000 crore and all the States concerned have agreed to pull out all stops for RRTS construction, he said. A representative from Uttar Pradesh said the Government is committed to have a RRTS in place and will not let monetary considerations come in the way of development.
“The Uttar Pradesh Chief Minister is clear that the State will do whatever is needed to create new economic opportunities. We will ensure the feasibility of the Delhi-Bahadurgarh-Baraut corridor is carried out fast. The Government will not allow money to hinder the economic development. We need to weed out corruption and instead spend money on public works,” Abhishek Misra, Minister of State for Protocol, UP, said.
The RRTS is an ambitious project that aims to create counter-magnet areas around the National Capital that will decongest the city and allow people to commute between NCR easily.
“The RRTS will allow people to commute to Delhi for work, while living elsewhere. The projects are being fast tracked,” said an official of the Urban Development Ministry.
Thursday’s announcement that all the stakeholders have agreed to raise funds and work on priority have also laid to rest the speculation that the RRTS will have difficulty taking off, on account of no consensus on land acquirement and fund-raising among the three States of Delhi, Haryana and Uttar Pradesh. There have been concerns that the States may not be able to raise the money required to fund the massive project.
http://www.samachar.com/Two-new-corridors-to-link-Delhi-with-Haryana-UP-ml4lLkeagej.html
यूपी- हाई स्पीड ट्रेन की फिजिबिलिटी रिपोर्ट को मिली मंजूरी
GNN News, Feb 3rd, 2012
मेरठ- मेरठ के बीच हाई स्पीड ट्रेन चलाने की योजना एक कदम और आगे बढ़ गई। गुरुवार को दिल्ली में आयोजित कंसल्टेंसी रिव्यू कमिटी ( सीआरसी ) ने इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट को अपनी स्वीकृति दे दी। अब यह रिपोर्ट एडेनम और फाइनैंशल मॉड्यूल के साथ टास्क फोर्स के सामने पेश की जाएगी। टास्क फोर्स की सहमति के बाद फाइनल डीपीआर तैयार कर योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा। अगर इसी गति से काम चलता रहा तो पांच साल बाद दिल्ली के सराय काले खां तक के 90 किमी तक का सफर महज एक घंटे में पूरा किया जा सकेगा।
दिल्ली में बढ़ते जनसंख्या घनत्व को कम करने के लिए नैशनल कैपिटल रीजन ( एनसीआर ) प्लानिंग बोर्ड ने दिल्ली से सटे आठ कॉरिडोर की पहचान की थी। इनमें से दिल्ली – मेरठ , दिल्ली – पानीपत और दिल्ली – अलवर मार्ग के लिए कंसलटेंट कंपनियां नियुक्त कर दी गई है। इन कंसलटेंट कंपनियों के काम – काज की समीक्षा के लिए सीआरसी का गठन किया गया था। गुरुवार को इस कमिटी की मीटिंग हुई। यूपी सरकार की ओर से इस प्रोजेक्ट के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए मेरठ के कमिश्नर भुवनेश कुमार ने बताया कि मीटिंग में हाई स्पीड ट्रेन की फिजिबिलिटी रिपोर्ट को मंजूरी दे दी गई।
क्या है फिजिबिलिटी रिपोर्ट
दिल्ली की कंसलटेंट कंपनी डिम्स लिमिटेड ने इस मीटिंग से पहले कमिश्नर मेरठ के सामने फिजिबिलिटी रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट की खास बातें :
– सराय काले खां से मेरठ के मोदीपुरम – दौराल के 90 किमी लंबे कॉरिडोर में हाई स्पीड ट्रेन चलेगी
– इस रूट पर 17 स्टेशन होंगे। हर चार मिनट पर स्टेशन पर ट्रेन उपलब्ध होगी
– ट्रेन की अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटा होगी
– यह ट्रेन 90 किमी की इस दूरी को 62 मिनटों में तय करेगी।
-90 किमी लंबे इस कॉरिडोर का 30 किमी का भाग अंडरग्राउंड होगा
– मेरठ में 20 किमी लाइन अंडरग्राउंड होगी ओर दिल्ली में 10 किमी
– इस ट्रेन में छह कोच होंगे , प्रत्येक कोच की चौड़ाई 3.66 मीटर होगी
– एक कोच में 255 लोग और पूरी ट्रेन में 1350 लोग यात्रा कर पाएंगे
– डिमांड के हिसाब से कोच की संख्या बढ़ाई जा सकती है
खास बातें :
मोदीनगर में हाई स्पीड ट्रेन का ट्रैक डबल हाइट पर होगा। एनएच – 58 पर बीचों बीच पिलर खड़े कर उसके ऊपर पहले सड़क होगी और उसके ऊपर रेलवे ट्रैक होगा। दिल्ली रोड पर शताब्दी नगर का स्टेशन जंक्शन होगा। यहां से दो लाइनंे मेरठ शहर की ओर जाएंगी।
कहां कहां होगे स्टेशन
दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ के दौराला तक कुल 17 स्टेशन होंगे। जिनमें सराय काले खां , आनंद विहार , साहिबाबाद , मोहननगर , गाजियाबाद , गुलधर , दुहाई , मुरादनगर , मोदीनगर , मेरठ दक्षिण , शताब्दीनगर , शताब्दीनगर से एक लाइन हापुड़ रोड – नौचंदी , मेडिकल , और दूसरी लाईन मेरठ सेंट्रल , बेगमपुल मेरठ नार्थ , और दौराला स्टेशन होंगे।
http://www.gnnnews.tv/news_detail.php?newsid=17332
दिल्ली टु मेरठः हवा में दौड़ेगी हाईस्पीड ट्रेन
Sunday, January 29, 2012 12:57 AM
विशेषज्ञों ने जांची फिजिबिलिटी, एलिवेटिड ट्रैक सेंट्रल वर्ज पर ही बनेगा
चुनाव के बाद शुरू हो जाएगी पार्किंग के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया
गाजियाबाद। मेरठ को दिल्ली के पास लाने वाली महत्वाकांक्षी हाईस्पीड रेल परियोजना को जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए दिल्ली- गजियाबाद- मेरठ कोरिडोर से जुड़ी तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। बड़ी खबर ये है कि अब आनंद विहार से मेरठ के बाहर तक कहीं भी हाईस्पीड ट्रेन अंडर ग्राउंड नहीं दौड़ेगी। गाजियाबाद प्रशासन के प्रस्ताव को खारिज करते हुए तकनीकी समिति ने पूरा ट्रैक एलिवेटिड बनाने का फैसला लिया है।
मोदीनगर के जाम को खत्म करने के लिए यहां एनएच-58 का ट्रैफिक फ्लाई ओवर से गुजारा जाएगा, वहीं हाईस्पीड ट्रेन को ओवरब्रिज के भी ऊपर एलिवेटिड ट्रैक बनाकर बहुत ऊंचाई से निकाला जाएगा। विधानसभा चुनाव निपटते ही परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा और इसमें सबसे पहले पार्किंग के लिए जमीन का अधिग्रहण होगा।
रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना के तहत दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ क ोरिडोर तैयार किया जा रहा है। हाईस्पीड ट्रेन आनंद विहार से गाजियाबाद होते हुए
मेरठ जाएगी।
प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी दिल्ली इंटीग्रेटिड मल्टीमोडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) को सौंपी गई है। प्रोजेक्ट का दो वर्ष से सर्वे किया जा रहा था। गाजियाबाद प्रशासन ने एनएच-58 के सेंट्रल वर्ज की चौड़ाई कम बताते हुए मोहन नगर से दुहाई और मोदीनगर में अंडर ग्राउंड ट्रैक बनाने का प्रस्ताव एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को सौंपा था।
जांच के बाद विशेषज्ञों के प्रशासन के प्रस्ताव को खारिज करते हुए एनएच-58 के सेंट्रल वर्ज पर एलिवेटिड ट्रैक के निर्माण को हरी झंडी दे दी। आनंद विहार से लेकर मोदीनगर तक गाजियाबाद जिले में आठ स्टेशन होंगे। एक ओर जहां हाईस्पीड ट्रेन आनंद विहार से मेरठ के बाहर तक एलिवेटिड ट्रैक पर दौड़ेगी, वहीं मेरठ सिटी के अंदर यह अंडर ग्राउंड और एलिवेटिड ट्रैक पर संचालित होगी। हजरत निजामुद्दीन से मेरठ शास्त्रीनगर तक 17 स्टेशन बनाए जाएंगे।
यहां-यहां बनेंगे हाईस्पीड ट्रेन के स्टेशन
आनंद विहार एलिवेटिड
वसुंधरा एलिवेटिड
मोहन नगर एलिवेटिड
मेरठ तिराहा एलिवेटिड
गुलधर एलिवेटिड
दुहाई एलिवेटिड
मुरादनगर एलिवेटिड
मोदीनगर एलिवेटिड
मेरठ साउथ एलिवेटिड
शताब्दी नगर अंडर ग्राउंड
मेरठ सेंट्रल अंडर ग्राउंड
बेगम पुल अंडर ग्राउंड
पल्लवपुरम एलिवेटिड
मोदीपुरम एलिवेटिड
नौचंदी पार्क अंडर ग्राउंड
शास्त्री नगर एलिवेटिड
http://www.amarujala.com/city/ghaziabad/Ghaziabad-13346-111.html
निजामुद्दीन-मेरठ के बीच 2016 में चलेगी हाई स्पीड ट्रेन
28 Jan 2012, 1001 hrs IST,नवभारत टाइम्स
नितेश सिन्हा शुक्रवार को इस प्रोजेक्ट के सिलसिले में दिल्ली इंटिग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) ने मेरठ मंडल के कमिश्नर के दफ्तर में प्रजेंटेशन दिया। इसी में यह यह रूपरेखा सामने आई। सूत्रों ने बताया कि मीटिंग में ट्रेन के 6, 9 और 12 कोचों के प्रस्ताव सामने आए। भुवनेश कुमार के मुताबिक, मीटिंग में आवास विकास, जीडीए और निगम के अफसर मौजूद थे। इस दौरान ट्रेन चलाने पर खर्च और भविष्य में पैसेंजरों की संख्या पर भी चर्चा हुई। अब इस प्रोजेक्ट को लेकर दो फरवरी को केंद सरकार की सलाहकार कमिटी के साथ मीटिंग होगी। फंड पर मुश्किल: इस ट्रेन को चलाने में 2100 करोड़ रुपये की लागत आएगी। सूत्रों का कहना है कि इतना फंड इकट्ठा करने को लेकर एक राय कायम करने में परेशानी आ सकती है। हालांकि भुवनेश कुमार का कहना है कि यह प्रक्रिया काफी लंबी हैं, जिसमें कई एजेंसी शामिल हैं। सभी की सहमति से बात बन जाएगी। |
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/11660473.cms
Delhi regional express planned
03 December 2011
INDIA: Urban Development Minister Kamal Nath has given approval in principle for a Regional Rapid Transit System in the National Capital Region surrounding Delhi.
Due to be integrated with the Delhi Metro, RRTS will serve the Delhi – Gurgaon – Alwar, Delhi – Sonepat – Panipat and Delhi – Ghaziabad – Meerut corridors.
Nath has instructed the NCR Planning Board to explore a range of funding sources for the project such as exploiting transit-oriented development, monetisation of land and PPP models.
The Planning Board has also been encouraged to take the lead in planning and developing residential areas along the three corridors in partnership with the relevant state governments, and to seek technical assistance from the World Bank and Asian Development Bank.
Improved connectivity between the regional centres of NCR and Delhi is hoped to reduce pressure on the city's infrastructure by opening up the regional housing market.
http://www.railwaygazette.com/nc/news/single-view/view/delhi-regional-express-planned/archiv/2011/12.html
एसी में बैठकर चंद घंटों में पहुंचेंगे अलवर
24 Nov 2011, 0400 hrs IST
??? ??? ????? ??? ????? ??? ????????? ????-????????-??????-Navbharat Times
दिल्ली से अलवर वाया गुड़गांव और रेवाड़ी जाने वालों को जल्द ही खुशखबरी मिलने वाली है। वे महज चंद घंटों में दिल्ली से अलवर पहुंच जाएंगे। अभी दिल्ली के आईएसबीटी ( कश्मीरी गेट ) से अलवर जाने में लोगों को घंटों लगते हैं। इतना ही नहीं जाम लगने से परेशानियां और बढ़ जाती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इन दोनों जगहों के बीच रैपिड ट्रेन चलाने की प्लानिंग की गई। इसके लिए
फिजिबिलिटी सर्वे फाइनल हो चुका है
दिल्ली टु अलवर के बीच रेल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर की फिजिबिलिटी सर्वे फाइनल हो चुका है। इसके अनुसार कॉरिडोर में 19 स्टेशन होंगे। इनमें आईएसबीटी ( कश्मीरी गेट ), न्यू दिल्ली रेलवे स्टेशन , सराय काले खां ( निजामुद्दीन ), आईएनए , धौलाकुआं , महिपालपुर , साइबर सिटी , इफ्को चौक , राजीव चौक , मानेसर , पचगांव , धारूहेड़ा , बीटीके , एमबीआईआर , रेवाड़ी , बावल , एसएनबी , खैरथल व अलवर शामिल हैं। इनमें आईएसबीटी ( कश्मीरी गेट ) और अलवर में टर्मिनल बनाए जाएंगे। दिल्ली , हरियाणा और राजस्थान को जोड़ने वाले इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 180 किमी होगी। 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से कॉरिडोर को डिजाइन किया जाएगा। अंडर ग्राउंड में ट्रेन 100 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से दौड़ेगी , जबकि ऐलिवेटेड ट्रैक पर स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। यह कॉरीडोर ब्रॉडगेज होगा और इस रूट पर सिर्फ एयर कंडीशंड ट्रेन ही दौड़ेंगी। प्रोजेक्ट को चार फेज में तैयार किया जाएगा। पहला फेज 2016, दूसरा 2021, तीसरा 2031 व चौथा 2041 में तैयार होगा।
मेट्रो की तरह ही आरआरटीसी में भी 6 कोच होंगे। प्रत्येक कोच में सीटिंग कैपेसिटी 226 होगी। एक ट्रेन में यात्रियों की सीटिंग संख्या 1356 होगी। प्रत्येक कोच में 3 दरवाजे होंगे। स्टेशन पर 30 सेकंड का ठहराव होगा। ट्रेन 6 मिनट के अंतराल पर मिलेगी।
यहां बनेंगे अंडर ग्राउंड स्टेशन
आईएसबीटी कश्मीरी गेट : यहां शुरुआती चरण में यात्रियों की अनुमानित संख्या 20390 होगी। सेंट स्टीफन ग्राउंड के पास बनेगा स्टेशन
न्यू दिल्ली रेलवे स्टेशन : यात्रियों की संख्या 26030 होगी। भव भूति मार्ग के पास होगा स्टेशन।
सराय काले खां ( निजामुद्दीन ) : यात्रियों की संख्या 38000 होगी। मौजूदा रेलवे स्टेशन में स्टेशन को अंडर ग्राउंड बनाया जाएगा।
आईएनए : यात्रियों की संख्या 24955 होगी। डीटीसी बस डिपो के पास होगा स्टेशन
धौलाकुआं : यात्रियों की संख्या 6000 होगी। एआरएसडी कॉलेज के दक्षिण में स्टेशन बनाना प्रस्तावित
महिपालपुर : यात्रियों की संख्या 66035 होगी। एनएच -8 के समीप स्टेशन प्रस्तावित है
साइबर सिटी : यात्रियों की संख्या 58210 होगी। हरियाणा में यह पहला स्टेशन होगा। एनएच 8 पर ग्रीन बेल्ट की जगह में स्टेशन प्रस्तावित
इफ्को चौक : यात्रियों की संख्या 44760 होगी। स्टेशन होटल वेस्टीन के समीप बनाया जाएगा
राजीव चौक : यात्रियों की संख्या 25285 होगी। एनएच 8 के समीप ग्रीन बेल्ट में होगा स्टेशन
मानेसर : यात्रियों की संख्या 46765 होगी। एनएच 8 के समीप ग्रीन बेल्ट में होगा स्टेशन
ऐलिवेटेड
पचगांव : यात्रियों की संख्या 24785 होगी। यह दिल्ली की तरफ से पहला एलीवेटिड स्टेशन होगा , जिसे केएमपी एक्सप्रेस वे व एनएच 8 के मिलान के समीप बनाया जाएगा।
धारूहेड़ा : यात्रियों की संख्या 29375 होगी। एनएच 8 के समीप ग्रीन बेल्ट में बनाया जाएगा स्टेशन
बीटीके : यहां यात्रियों की संख्या 59395 होगी। गुड़गांव में प्रस्तावित आईएसबीटी के समीप बनाया जाएगा स्टेशन
एमबीआईआर : यहां यत्रियों की संख्या 24625 होगी। यह रेवाड़ी जिले का पहला स्टेशन होगा। इसे एनएच 8 के समीप बनाया जाएगा।
रेवाड़ी : यहां यात्रियों की संख्या 68000 होगी। सेक्टर 28 में बनाया जाएगा स्टेशन
बावल : यहां यात्रियों की संख्या 62980 होगी। पेरिफेरल रोड पर होगा स्टेशन
एसएनबी : यहां यात्रियों की संख्या 38805 होगी। एनएच 8 के समीप ग्रीन बेल्ट में बनाया जाएगा स्टेशन
खैरथल : यहां यात्रियों की संख्या 18615 होगी। हरसौली रोड के दक्षिण में बनाया जाएगा स्टेशन
अलवर : यहां यात्रियों की संख्या 15320 होगी। मौजूदा अलवर – मथुरा रेल लाइन के समीप बनाया जाएगा स्टेशन
कुल : 698330
*( यात्रियों की संख्या अनुमानित है )
कैसे होंगे स्टेशन
आरआरटीएस कॉरिडोर के स्टेशन अंडर ग्राउंड व एलिवेटेड होंगे। स्टेशन पर पार्किंग का इंतजाम होगा। स्टेशन में तीन लेवल होंगे। इनमें एंट्रेस लेवल ( ग्राउंड फ्लोर ) पर एंट्री गेट होगा। स्वचालित सीढि़यां व लिफ्ट से ऊपर जाने के बाद टिकट लेना होगा। इसके बाद प्लैटफॉर्म होगा , जहां से ट्रेन मिलेगी।
झट पहुंच जाएंगे मेरठ, पानीपत और अलवर
Story Update : Tuesday, November 08, 2011 12:38 AM
नई दिल्ली। अभी तक आप दिल्ली के एक सिरे से दूसरे सिरे तक मात्र कुछ मिनट में पहुंच रहे हैं लेकिन कुछ ही समय बाद आप दिल्ली से मेरठ की ९० किलोमीटर की दूरी मात्र ६३ मिनट में, दिल्ली १०९ किलोमीटर दूर पानीपत मात्र ६१ मिनट में और दिल्ली १८८ किलोमीटर दूर अलवर मात्र ११७ मिनट में पहुंच जाएंगे। प्रस्तावित हाईस्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है। मंत्रालय वर्ष २०१६ तक १६० किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ाई जाने वाली ट्रेन की परियोजना का डीपीआर तैयार करने में जुट गया है।
शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने एनसीआर प्लांनिग बोर्ड के साथ एक अहम बैठक में दिल्ली-अलवर, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर को मंजूरी प्रदान की है। तीनों कॉरिडोर को लेकर व्यवहार्यता अध्ययन रिपोर्ट प्लानिंग बोर्ड की ओर से मंत्रालय को सौंप दी गई है। यह परियोजना रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के तहत विकसित की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि कमलनाथ ने इस परियोजना के लिए बड़े पैमाने पर आने वाली लागत को देखते हुए प्लानिंग बोर्ड से तंत्र विकसित करने का सुझाव दिया है। जिसमें पीपीपी मॉडल समेत निजी क्षेत्र के साथ सहयोग को लेकर अन्य विकल्प तलाशने की बात है। गत जून में मंत्रालय ने इस संबंध मेें आरआरटीएस के लिए एनसीआर ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन के गठन को लेकर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया था। डीपीआर के बाद हाईस्पीड कॉरिडोर को गति मिल सकेगी। योजना के तहत ९० किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर वर्ष २०१६ तक ५.११ लाख यात्रियों की आवाजाही की संभावना है। वर्तमान में इस दूरी को तय करने में लगभग चार घंटे का समय लगता है। लेकिन कॉरिडोर के निर्माण होने से यह दूरी मात्र ६३ मिनट में तय की जा सकेगी। साथ ही प्रदूषण के खतरे को कम किया जा सकेगा। योजना के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन की तर्ज पर नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनसीआरटीसी) का गठन होगा। पहले चरण के लिए चिह्नित दिल्ली-गाजियाबाद-मुरादनगर-मोदीनगर-मेरठ, दिल्ली-गुड़गांव-रेवाड़ी-अलवर और दिल्ली-कुंडली-मुरथल-गन्नौर-समालखा-पानीपत कॉरिडोर को लेकर मंत्रालय के स्तर पर फिलहाल व्यावहार्यता अध्ययन को अंजाम दिया जाएगा। लंबी दूरी को देखते हुए इसमें मेट्रो रेल के मुकाबले सवारियों के बैठने की क्षमता अधिक होगी। किराया मेट्रो की तर्ज पर स्वचालित होगा। कॉरिडोर के सभी स्टेशन से परिवहन की अन्य प्रणालियों के बीच डीटीसी, मेट्रो और रेलवे से कनेक्टिविटी होगी। वर्ष २००७ में कराए गए सर्वेक्षण से यह बात सामने आई कि दिल्ली व इन शहरों के बीच प्रतिदिन लगभग ३७ लाख लोग आवाजाही करते थे। आशा की जा रही है कि वर्ष २०३२ तक यह आंकड़े १.३२ करोड़ तक पहुंच जाएंगे।
हरियाणा के लिए खुशी की बात यह है कि राज्य से दो कॉरिडोर गुजरेंगे। अलवर तक कॉरिडोर गुड़गांव- मानेसर होते हुए जाएगा। इससे दिल्ली से अलवर तक १८८ किमी की दूरी मात्र ११७ मिनट में पूरी हो सकेगी। दिल्ली-अलवर समर्पित कॉरिडोर से दिल्ली स्थित बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों के अलावा गुड़गांव, मानेसर, धारूहेड़ा, भिवाड़ी, रेवाड़ी, बावल, शाहजहांपुर, खैरथल और अलवर की आबादी कवर की जाएगी। इस कॉरिडोर पर प्रतिदिन ७.४३ लाख सवारियों के सफर करने का अनुमान है, जबकि १०९ किलोमीटर पानीपत-दिल्ली की दूरी मात्र ६१ मिनट में तय की जा सकेगी। जिस रफ्तार से लोगों की आवाजाही हो रही है उसके आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष २०१६ तक दो लाख ७७ हजार यात्री प्रतिदिन यात्रा करेंगे।
————-
यह होगा खास
– दिल्ली से पानीपत ६१ मिनट में।
– दिल्ली से अलवर ११७ मिनट में।
– दिल्ली से मेरठ ६३ मिनट में
– वातानुकूलित मेट्रोनुमा कोच में अंडरग्राउंड, भूतल व खंभों पर होगा सफर
– दिल्ली मेट्रो से जुड़ेगा कॉरिडोर
– प्रतिदिन ३७ लाख यात्रियों की आवाजाही का अनुमान
– दिल्ली से मेरठ तक गाजियाबाद, मुरादनगर, मोदीनगर तक
– दिल्ली से पानीपत तक वाया कुंडली, मुरथल, गन्नौर, समालखा तय किया जाएगा
– दिल्ली से अलवर तक वाया कश्मीरी गेट, निजामुद्दीन, धौलाकुआं, मानेसर, धारूहेड़ा, गुड़गांव और रेवाड़ी जा सकेंगे
http://www.amarujala.com/state/Delhi/40897-4.html
हाई स्पीड आगे बढ़ी, लेकिन कई रेड सिग्नल बाकी
7 Nov 2011, 0400 hrs IST
गुलशन राय खत्री॥ नई दिल्ली दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर रूटों पर हाई स्पीड ट्रेन कॉरिडोर बनाने के प्रस्ताव को शहरी विकास मंत्रालय ने सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है। माना जा रहा है कि अब इन प्रोजेक्टों को रफ्तार मिल सकती है। लेकिन सबसे अहम सवाल यही बना हुआ है कि इस कॉरिडोर का निर्माण कौन करेगा और इसके लिए भारी-भरकम रकम कैसे जुटाई जा सकेगी। फिलहाल शहरी विकास मंत्रालय ने एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से कहा है कि वह इन तीन कॉरिडोर के निर्माण के लिए रकम जुटाने की संभावनाओं का पता लगाए। साथ ही यह भी देखे कि क्या यह प्रोजेक्ट पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप पर भी बनाया जा सकता है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के साथ बैठक में शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के इन तीन प्रस्तावित कॉरिडोर को सैद्धांतिक मंजूरी देने के बारे में जानकारी दी। शहरी विकास मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इन कॉरिडोर को दिल्ली मेट्रो से भी किसी तरह जोड़ा जाए। इन तीनों ही कॉरिडोर के लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) लगभग तैयार हो चुकी हैं। कोच के साइज को भी मंजूरी मिल गई है। लेकिन कई अड़चनें बाकी हैं। प्लानिंग बोर्ड ने जब इस योजना पर विचार किया था, तब उसका मानना था कि कॉरिडोर मौजूदा रेलवे लाइनों के समानांतर ही बनाए जाएंगे। दिल्ली से बाहर अपनी डेस्टिनेशन सिटी में पहुंचने के बाद वहां इस हाई स्पीड लाइन की रिंग बना दी जाएगी। ये लाइनें रेलवे लाइन के समानांतर बनने पर सबसे बड़ी समस्या रेलवे की मंजूरी की होगी। कई जगहें ऐसी भी हैं, जहां रेलवे लाइनों की संख्या बढ़ाने के लिए ही जगह नहीं है। हाई स्पीड लाइनों को तैयार करने के लिए सभी स्थानीय निकायों की मंजूरी ली जानी है, जिसमें वक्त लग सकता है। हालांकि शहरी विकास मंत्रालय के साथ बैठक में संबंधित राज्य यूपी, हरियाणा और राजस्थान सैद्धांतिक तौर पर अग्रीमेंट कर चुके हैं लेकिन इन लाइनों के लिए जो भारी-भरकम रकम खर्च करनी पड़ेगी, उसका इंतजाम करना भी आसान नहीं होगा। यही वजह है कि शहरी विकास मंत्री ने प्लानिंग बोर्ड से कहा है कि वह पीपीपी मॉडल की संभावनाओं को भी खंगाले। ये कॉरिडोर मंजूर दिल्ली – मेरठ दिल्ली – सोनीपत – पानीपत दिल्ली – अ लवर |
http://navbharattimes.indiatimes.com/delhiarticleshow/10632011.cms
Satellite towns to get faster connectivity to Delhi
Mahendra Kumar Singh, TNN | Nov 7, 2011, 07.46AM IST
NEW DELHI: Daily commuters from satellite towns can look forward to a hassle-free ride into the Capital with the urban development ministry "in-principle" okaying the rail-based Regional Rapid Transit System (RRTS) to provide fast connectivity from places like Meerut, Alwar and Panipat.
The integrated system – involving new railway lines, Metros, bus clusters and terminals – is aimed to provide a smooth travelling experience to lakhs of people who commute to Delhi every day for work. It is also expected to considerably ease traffic congestion in the Capital and check migration.
"Faster connectivity will reduce pressure on the Capital's infrastructure by opening up the region including regional housing market," urban development minister Kamal Nath said, emphasizing that RRTS should be integrated with the Delhi Metro.
The long-pending transport system, to be built over the next 25 years, will come up on three corridors – Delhi-Ghaziabad-Meerut, Delhi-Gurgaon-Alwar and Delhi-Sonepat-Panipat.
As the project will be very capital intensive, the minister has directed the National Capital Region (NCR) Planning Board to explore innovative funding mechanisms like exploiting transit-oriented development potential, monetization of land and PPP model.
The move to develop an extended transport infrastructure has been necessitated by rising traffic volumes, which include more than 3.5 lakh passenger cars entering the NCR every day.
Nath said it was necessary to focus on the sub-urbanization process and infrastructure development outside Delhi to enable other areas of NCR to absorb the load on the Capital's resources.
NCR Planning Board has been asked to take the lead in planning and developing greenfield townships on these transport corridors in partnership with the state governments concerned.
The board signed an agreement in June with Delhi, Rajasthan, Haryana and UP to set up a separate body — NCR Transport Corporation (NCRTC) — to improve transport interconnectivity in the NCR. The new body will monitor and implement a comprehensive public transportation plan for the region.
The NCRTC "will be responsible for overall development of integrated multi-modal transport system, including rapid rail transit system (suburban rail system) and feeder bus services in the NCR". It will have representatives of the four state governments, urban development ministry and railways.
Centre's contribution to the corporation is 50% and each state is required to invest 12.5% equity each.
Rapid trains to cut travel time to cities near Delhi
Kumar Vikram New Delhi, November 7, 2011 | UPDATED 10:50 IST
The dream of a shorter journey to reach Meerut, Panipat and Alwar from the Capital could come true in the near future.
The urban development ministry has in principle given its approval to three regional rapid transit system (RRTS) corridors, which will vastly improve Delhi's connectivity with its three neighbouring cities.
Urban development minister Kamal Nath approved the concept proposal of implementing the RRTS in three important corridors in the NCR. The corridors for which the approval has been given are Delhi-Gurgaon-Alwar, Delhi-Sonepat-Panipat and Delhi-Ghaziabad-Meerut.
The minister also emphasised that the RRTS should be integrated with the Delhi Metro. This faster connectivity will reduce pressure on Delhi's infrastructure by opening up the region including the housing market.
A transport department official said multi-modal stations will be provided in Delhi to integrate the RRTS with the Delhi Metro and the DTC. There will be feeder services also.
The RRTS is a rail-based mass transit system that will connect distant areas of the NCR to the Capital. Nath also directed the NCR Planning Board to explore funding mechanisms.
According to officials, it may take about four years but one will be able to travel to these cities in half the time it now takes – on high-speed bullet trains running on dedicated tracks at a maximum speed of 160 km an hour. According to an estimate, one would be able to reach Meerut in 63 minutes, Alwar in 117 minutes and Panipat in 61 minutes.
Read more at: http://indiatoday.intoday.in/story/rapid-trains-to-cut-journey-to-ncr-short/1/158969.html
Delhi-Gurgaon-Alwar train to cover 158km in 115 min
Yogesh Kumar, TNN | Oct 19, 2011, 04.09AM IST
GURGAON: Soon, a high-speed train link will connect Delhi and Alwar (Rajasthan) via Gurgaon. The train, which will ply on a 158-km-long route, will have a swanky look similar to the Delhi Metro trains, and would cover the distance in around 115 minutes. It is expected to receive a daily passenger load of nearly 7.43 lakh and its speed is likely to range between 160kmph and 180kmph.
The exact coordinates of the route have not yet been decided but it has been proposed that the link will have 16 stations and the train tracks might be built close to the existing railway lines. The government has also planned to align the track to enhance the speed of the train. The project is an offshoot of the Regional Rapid Transit System (RRTS) corridor in which Delhi will have dedicated superfast rail link with the NCR.
Among the proposed routes, Delhi will be connected to Bulandshahar, Meerut, Sonipat, Alwar and other places. In a meeting held last Friday, Haryana government officials met the urban development ministry and other government stake-holders involved in the ambitious project. Senior officials discussed the details of the high-speed Delhi-Alwar link, its tentative routes and other operational aspects including the places it would pass through.
Confirming the development, the finance commissioner, Town and Country Planning, S S Dhillon said: "The plan is in its conceptual stage and the state government is committed to the RRTS project." As per the proposed plan, he said, the rail link will connect Gurgaon, Rewari, Pawal and then Alwar.
The upcoming rail link will play a crucial role in bolstering overall industrial development of the Gurgaon-Manesar region. RRTS will solve the problem of traffic jams faced by passengers arriving and departing from Delhi from the NCR region.
According to sources, these projects will be further integrated with the Metro train and Bus Rapid Transit Corridor (BRTS) to provide easy access to internal destinations in the city. The National Capital Planning Board had signed a Memorandum of Understanding (MoU) with the central government and four states for implementation of the RRTS.
2014 से मेरठ-दिल्ली मार्ग पर नहीं लगेगा जाम
Source: एजेंसी | Last Updated 13:54(29/06/11)
मेरठ। सब कुछ सही रहा तो मार्च 2014 में मेरठ-दिल्ली सीमा व अन्य छह स्थानों पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस प्रोजेक्ट लांच होने के बाद 52 मिनट में मेरठ के बच्चा पार्क से दिल्ली के प्रगति मैदान तक 65 किमी की दूरी तय होगी। सर्वाधिक लाभ देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, मुजफ्फरनगर के यात्रियों को मिलेगा। कारण इन स्थानों से बड़ी संख्या में दिल्ली की ओर वाहनों का आवागमन होता है।
ये है प्रोजेक्ट
डासना के रेलवे क्रांसिग से मेरठ एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 41 किमी, जबकि डासना से दिल्ली के प्रगति मैदान की दूरी 24 किमी होगी। मेरठ से प्रगति मैदान की दूरी 75 किमी है पर इस मार्ग से जाने पर 10 किमी कम होगी। डासना मोड़ के पास हापुड़-गाजियाबाद रेलवे लाइन पर एक आरओबी बनेगा। गाजियाबाद से मेरठ के बीच मुरादनगर के पास गंगनहर और इसी बीच पड़ रही छोटी रोड को एक्सप्रेस-वे के नीचे से अंडर पास बनाकर निकाला जाएगा।
एक्सप्रेस-वे को एलिवेटेड यानी मौजूदा जमीन से छह फुट ऊपर डिजाइन किया जाएगा। दिल्ली के यूपी गेट से मेरठ तक 8 लेन का एक्सप्रेस-वे बनेगा। इस एक्सप्रेस-वे से एनएच 24, एनएच 91 और एनएच 58 को जोड़ने की प्लानिंग है। इससे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का ट्रैफिक भी दिल्ली के लिए मूव होगा।
एक्सप्रेस-वे डासना से मुरादनगर, मोदीनगर (शहर के बाहर से) होकर मेरठ के परतापुर तक आयेगा। एक लिंक मार्ग परतापुर से अछरौडा, भूडबराल, कांशी होते हुए शताब्दी नगर तक जायेगा। दूसरा दिल्ली रोड-बिजली बंबा होते हुए हाजीपुर गांव तक आयेगा।
तीसरा लिंक मार्ग हाजीपुर से नरहेड़ा, ढिकोली, सलेमपुर, चंदसारा, नंगलापातू, सोलाना, सैदपुर दुर्गनपुर इलना होते हुए शास्त्री नगर एल ब्लाक चौराहा, ईव्ज चौराहा होते हुए बच्चा पार्क तक जायेगा। मेरठ में 9 गांव की 180 हेक्टेयर व छह गांव की 53 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा। यूपी गेट से लेकर डासना तक का 16 किमी एनएच 24 का टुकड़ा भी इस प्रोजेक्ट में शामिल होगा।
हाईस्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट पर बैठक आज
शहरी विकास मंत्रालय की दिल्ली में बुधवार को मेरठ-दिल्ली हाईस्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट पर बैठक होगी। कमिश्नर भुवनेश कुमार व नगर नियोजक विवेक भास्कर इस बैठक में भाग लेंगे। कमिश्नर ने बताया कि इस बैठक में 15 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट को ग्रीन सिग्नल मिलने की संभावना है। एमडीए ने इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्ययोजना तैयार कर ली है।
http://www.bhaskar.com/article/UP-2014-meerut—delhi-route-will-not-jam-2229315.htm
गुड़गांव-रेवाड़ी के बीच होंगे 9 स्टेशन
1 Oct 2011, 0400 hrs IST,नवभारत टाइम्स
सुदामा यादव एजेंसी ने तैयार किया प्लान गुड़गांव-रेवाड़ी के बीच होंगे 9 स्टेशन राजीव चौक से मानेसर तक अंडरग्राउंड कॉरिडोर कब तक शुरू होगा परिचालन दोनों सबस्टेशनों के लिए 30 एमवीए बिजली की मांग अर्बन मास ट्रांजिट एजेंसी ने रेवाड़ी और पचगांव में सबस्टेशन बनाने की मांग की है। प्रपोजल को आगे वरिष्ठ अधिकारियों के पास फारवर्ड कर दिया गया है। प्लानिंग डिपार्टमेंट की ओर से मंजूरी मिलने के बाद यहां से भी उन्हें मंजूरी दी जाएगी ताकि आगे का काम शुरू हो सके। |
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/10186604.cms
गुड़गांव टु अलवर हाई स्पीड सफर!
30 Aug 2011, 0400 hrs IST,नवभारत टाइम्स
पूनम गौड़
गुड़गांव।। दिल्ली से अलवर तक का सफर जल्द ही फास्ट और स्मूथ होगा। यह सपना रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के तहत पूरा होगा। इसके लिए 158 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक बिछाया जाएगा, जिस पर हाई स्पीड ट्रेनें चलेंगी। यह ट्रैक राजीव चौक से मानेसर तक अंडरग्राउंड होगा। सबसे अधिक खर्च अंडरग्राउंड ट्रैक पर ही होगा। सूत्रों के मुताबिक रैपिड रेल के लिए 1 किमी लंबा अंडरग्राउंड ट्रैक बनाने पर करीब 290 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इसके लिए सर्वे का काम कर रही अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि साल के अंत तक इस प्रोजेक्ट का फिजिबिलिटी टेस्ट पूरा कर लिया जाएगा। इससे यह साफ हो जाएगा कि इसका लाभ कितने लोगों को मिलेगा। साथ ही इसके लिए रूट की रूपरेखा भी काफी हद तक तय हो जाएगी। कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार, इस प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली के हिस्से में सर्वे किया जा चुका है और फिलहाल गुड़गांव में सर्वे का काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर (डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) 2015 तक बनने की उम्मीद है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के इस प्रोजेक्ट में हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान सरकार आर्थिक रूप से सहयोग करेंगे।
दिल्ली के आईएसबीटी से अलवर तक इस ट्रैक पर 160 किलोमीटर की रफ्तार से टे्रन चलाने का दावा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस रूट पर 6 कोच वाली ट्रेनें चलेंगी और यह इलेक्ट्रिक एसी ट्रेनें होंगी। इस ट्रैक को दिल्ली के धौला कुंआ के रास्ते गुड़गांव से राजीव चौक तक लाया जाएगा। यह ट्रैक दिल्ली से गुड़गांव होते हुए अलवर तक जाएगा। राजीव चौक से मानेसर तक यह ट्रैक पूरी तरह अंडरग्राउंड बनेगा। धौला कुंआ से राजीव चौक तक का यह हिस्सा ऐलिवेटेड होगा। इसके बाद मानेसर तक इस ट्रैक को अंडरग्राउंड ले जाने का प्रस्ताव है। इसके बाद यह ट्रैक दोबारा ऐलिवेटिड होगा। यह ट्रैक मानेसर से धारूहेड़ा, रेवाड़ी होते हुए अलवर तक जाएगा।
फिजिकल सर्वे के बाद इस लाइन का फाइनल रूट सर्वे किया जाएगा। कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में 50 पर्सेंट खर्च केंद्र सरकार देगी और बाकी दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की सरकार बराबर खर्च देंगी। अहम यह है कि समतल जमीन पर 1 किलोमीटर ट्रैक बिछाने में 50 करोड़ रुपये, 1 किलोमीटर ऐलिवेटिड ट्रैक बिछाने के लिए 130 करोड़ रुपये और अंडरग्राउंड ट्रैक बिछाने के लिए प्रति किलोमीटर 290 करोड़ का खर्च आएगा। इस प्रोजेक्ट पर कुल खर्च 50,560 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है। हालांकि एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के डायरेक्टर ने फिलहाल इस योजना के बारे में चुप्पी साध रखी है।
http://navbharattimes.indiatimes.com/delhiarticleshow/9787266.cms
दिल्ली-सोनीपत-पानीपत बनेगा कारिडोर
• अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत दिल्ली से पानीपत और दिल्ली से अलवर तक कॉरिडोर बनाया जाएगा। चंडीगढ़ और पेरीफेरी के विकास के लिए बनी समन्वय समिति की वीरवार को यहां हुई बैठक में प्लानिंग फॉर चंडीगढ़ इन रीजनल कांटेस्ट पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड के मुख्य क्षेत्रीय योजनाकार राजीव मल्होत्रा ने प्रस्तुति में जानकारी दी कि रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत दिल्ली-सोनीपत-पानीपत कॉरिडोर और दिल्ली-गुड़गांव-रेवाड़ी-अलवर कॉरिडोर बनाया जाएगा। ये शहर हरियाणा में पड़ते हैं।
दिल्ली-सोनीपत-पानीपत कॉरिडोर की लंबाई 103 किलोमीटर होगी। इस कोरीडोर से दिल्ली, कुंडली, मुरथल, गन्नौर, समालखा और पानीपत शहर जुड़ेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली-गुड़गांव-रेवाड़ी-अलवर कॉरिडोर की लंबाई 188 किलोमीटर होगी। इस कॉरिडोर के साथ दिल्ली, गुड़गांव, मानेसर, धारूहेड़ा, रेवाड़ी, भिवंडी, शाहजहांपुर, बावल, खैरतल और अलवर शहर जुडे़गे।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव डा. सुधीर कृष्ण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में हरियाणा की मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी ने कहा कि चंडीगढ़ जैसा शहर देश में कहीं नहीं है। इसलिए बेहतर समन्वय प्रणाली है। सचिवालय भवन और विधानसभा भवन में पंजाब और हरियाणा की हिस्सेदारी है। दोनों राज्यों ने चंडीगढ़ के उपनगरीय क्षेत्र (पंचकूला, मोहाली) में आने वाले अपने क्षेत्रों की विकास योजनाएं तैयार की हैं।
ये विकास मानदंड पंजाब न्यू कैपिटल पेरीफेरी कंट्रोल एक्ट-1952 के अनुसार है, जिन्हें हरियाणा ने अपना रखा है। इसमें जो संशोधन किया गया है, वह नए शहरों का सुनियोजित विकास सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। इसका मकसद यह भी है कि चंडीगढ़ के उपनगरीय क्षेत्र में झुग्गियों के निर्माण को रोका जा सके। सिटी ब्यूटीफुल के संरक्षण के लिए आपसी तालमेल स्थापित करने की जरूरत है।
एनसीआर बोर्ड के मुख्य क्षेत्रीय योजनाकार ने दी जानकारी
Delhi-Alwar in 117 minutes !
Jaipur: A Delhi will be just 117 minutes from Alwar as a rapid transit corridor is proposed to connect the two cities. The National Capital Planning Board signed an MoU with Government of India (GoI) and four states for implementation of Regional Rapid Transportation System (RRTS).
The Rs 17,63,545-million project will have eight corridors connecting Delhi to Alwar, Meerut, Palwal, Khurja, Panipat, Hapur and Barut cities.
"The first phase of the corridor will commence between Delhi–Alwar in 2016, the transportation corridor will be develop in accordance to the concept of "Bullet Train" said GS Sandhu, principal secretary urban development and housing (UDH), Rajasthan.
RRTS will solve the problem of traffic jams faced by passengers arriving and departing from Delhi from NCR region.
These projects will be further integrated with the Metro train and Bus Rapid Transit Corridor (BRTS) to provide easy access to internal destinations in the city.
In Rajasthan Alwar will be connected to ISBT Kashmere Gate in Delhi through a fast moving dedicated train corridor. The train moving at a speed of 160 kilometer per hour will connect New Delhi Railway Station, Sarai Kale Khan/Nizamuddin Railway station and Dhaula Kuan (through Metro) inside Delhi. While Gurgaun Manesar, Dharuhera, Bhiwadi, Rewari, Bawal, Shahjahanpur and Khairthal.
The 118 kilometre long distance will be covered in just 117 minutes, and is expected to receive a daily passenger load of near 7.43 lakh.
The project can make Alwar entry gateway for passengers travelling to National Capital from Rajasthan.
"The corridor will connect three major industrial areas in the state (Bhiwari, Nimrana and Khairthal), by 2041 it is projected to cater to more than 16 lakh passengers each day. It will also add to the investment possibilities in the area" said an urban development official
Centre plans multi-mode transport for NCR
Forced to use their private vehicles or travel by rickety trains and buses, lakhs of commuters in the National Capital Region (NCR) now have a reason to cheer. The government has decided to set up a separate body to improve transport interconnectivity in the NCR. The new body – NCR Transport Corporation (NCRTC) – will monitor and implement a comprehensive public transportation plan for the region.
Structured on the lines of the Delhi Metro Rail Corporation, the NCRTC "will be responsible for overall development of integrated multi-modal transport system, including rapid rail transit system (suburban rail system) and feeder bus services in the NCR". The corporation will have the four state governments of Delhi, Uttar Pradesh, Haryana and Rajasthan work in tandem with the ministries of urban development and railways.
One of the biggest advantages of having the new corporation is that it will eliminate any conflict of interest between the state governments by treating the NCR as one region rather than four different administrative units. The NCRTC will function under the command of the urban development ministry, which has conceived the project.
The project will initially receive a funding of Rs 100 crores from the Centre. For their part, the state governments will be required to invest in the form of equity. The NCRTC will also raise funds through commercial utilisation of land and infrastructure. The corporation will follow the roadmap provided by the integrated multi-modal transport plan prepared by the government two years ago.
The plan proposed building a regional rapid transit system for the NCR, including new railway lines, metro systems, bus systems and terminals in the next 25 years. The decision to develop such an extended transport infrastructure is necessitated by the rising volumes of traffic, which includes 3.5 lakh passenger cars entering the NCR everyday. The plan, therefore, proposes building an extensive network of 16 new regional expressways spanning over 1300 km.
Buoyed by the success of the Metro rail system in Delhi, the plan has proposed building similar systems to link various other urban centres in the NCR. The ambitious project also proposes building a rail rapid transit system to enable "safer, high speed and high frequency services".
This would require construction of dedicated tracks. The plan proposes nine new lines which include Panipat-Meerut; Sonipat-Gohana; Sonipat-Jhajjar; Jhajjar-Gurgaon-Faridabad; and Meerut-Bhagpat-Sonipat lines. Augmenting the bus services also constitutes an integral part of the NCRTC. According to the plan, the buses will be equipped with the latest technology such as GPRS, electronic displays, ticketing systems, electronic route display systems, etc. The project also proposes construction of over 50 modern bus terminals and extension of Metro services to other urban centres in the NCR.
ब्रॉडगेज पर दौड़ेगी हाईस्पीड ट्रेन
27 May 2011, 0400 hrs IST
किरणपाल राणा॥ गाजियाबाद
निजामुद्दीन ( नई दिल्ली ) से मेरठ के पल्लवपुरम तक हाईस्पीड ट्रेन ब्रॉडगेज पर दौड़ेगी। आरआरटीएस ( रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम ) की सीआरसी ( कंसल्टेंसी रिव्यू कमिटी ) की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में बोगी के स्टैंडर्ड , इंटरनल डिजाइन , स्टेशन के साइज और डिजाइन पर भी मंथन हुआ। प्रस्ताव आया कि कोच की लंबाई 26 मीटर रखी जाए और यह एल्युमिनियम का बना हो। बोगी में कॉमन एसी हो। आरआरटीएस टास्क फोर्स की बैठक में प्लान फाइनल होगा। दिल्ली में हुई इस बैठक में मेट्रो प्रोजेक्ट कंसल्टेंट कंपनी , हाईस्पीड ट्रेन कंसल्टेंसी कंपनी के इंजीनियरों और सीआरसी अफसरों ने हिस्सा लिया।
ये तय हुआ
लगातार कई घंटे चली बैठक में हाईस्पीड ट्रेन के इंजन साइज , कोच , स्टेशन , कोच में सीटिंग डिजाइन पर बातचीत हुई। बैठक में सबसे महत्वपूर्ण फैसला यह हुआ कि हाईस्पीड ट्रेन ब्रॉडगेज पर दौड़ेगी। ट्रेन की बोगी एल्युमिनियम से बनी होगी। इसमें कॉमन एसी होगा , 2 ट्रेनों को मेन स्टेशन से छोड़ते वक्त कम से कम 5 या 5.5 किलोमीटर का अंतर होना चाहिए। इन सभी पॉइंट पर टेक्निकल कमिटी और कंसल्टेंसी कंपनी की एक राय बनी।
ये हैं प्रस्ताव
फिलहाल यह तय नहीं हो पाया है कि हाईस्पीड ट्रेन में कितने कोच होंगे। बैठक में 6 और 9 बोगी का प्रस्ताव आया है। कोच के साइज पर भी आखिरी फैसला नहीं किया जा सका। वैसे रेलवे के कोच 24 मीटर लंबे और 3.7 मीटर चौड़े हैं। हाईस्पीड ट्रेन के कोच को 26 मीटर लंबा और 3.7 मीटर चौड़ा बनाने का प्रपोजल है। कोच का डिजाइन फाइनल होने के बाद ही स्टेशन का डिजाइन फाइनल होगा। अभी यह भी तय नहीं हो पाया कि कोच में कितनी सीट होगी। 2 और प्रस्ताव कमिटी के सामने पेश हुए। पहले प्रस्ताव में ट्रेन में 64 सीट और दूसरे प्रस्ताव में 115 सीट डिजाइन करने की बात कही गई है। कोच का इंटरनल मेट्रो कोच की तरह होगा। इसमें टॉयलेट फैसिलिटी नहीं होगी और खड़े होने के लिए हैंड हैंडल होंगे।
नहीं यूज होगी कोई नई टेक्नॉलजी
सीआरसी की टेक्निकल कमिटी के मिनट्स तैयार कर उसे टास्क फोर्स की बैठक में पेश किया जाएगा। बैठक में कंसल्टेंसी कंपनी और अन्य टेक्निकल कमिटी में शामिल इंजीनियरों से कहा गया कि हाईस्पीड ट्रेन में किसी भी नई तकनीक का प्रयोगात्मक यूज नहीं किया जाएगा। प्रायोगिक तकनीक ही हाईस्पीड ट्रेन में यूज होगी। सीआरसी के मिनट्स को जल्द ही दिल्ली में होनी वाली आरआरटीएस टास्क फोर्स की बैठक पेश किया जाएगा। हाईस्पीड ट्रेन का रूट पहले ही फाइनल हो चुका है।
http://navbharattimes.indiatimes.com/delhiarticleshow/8590397.cms
Kashmere Gate to Panipat, in 60 minutes flat
Author: SWETA DUTTA
NEW DELHI
High-speed rail link to towns in National Capital Region expected to be up and running by 2016 The Haryana government gave its nod to the project last October, following which DIMTS has been working on the project report and business plan. A detailed engineering study, along with topography survey and geo-technical investigation, has already been conducted
By 2016, commuters from Panipat can reach Kash mere Gate in the heart of the Capital in just 60 minutes, courtesy a high-speed rail link being planned to connect the National Capital Region. The current travel time between the two cities by road or train is not less than two-and-a-half hours.
The 106-km Regional Rail Transit System link, with trains running at an operational speed of 160 kmph, will run through 12 stations on an elevated corridor.
The project is part of a larger plan to connect NCR through three high-speed rail networks, connecting Alwar, Meerut and Panipat to the Capital. The National Capital Region Planning Board (NCRPB) has commissioned the Delhi Integrated Multi-modal Transit System (DIMTS), an autonomous government-funded body created for transport planning and solutions, to develop the detailed project reports for the Meerut and Panipat link, while the Urban Mass Transit Company is working on the Alwar link.
The rail link will originate at Panipat terminus (IOCL), and run on an elevated track to terminate at Kashmere Gate right next to the existing Metro station.
Sources said Kashmere Gate is expected to emerge as a major multi-modal transit centre linking the Metro, inter-state bus terminus and the rail link connecting the neighbouring state. The Delhi Metro is also planning another Metro station at the same point as part of its Phase-III network, which will be at the same level as the high-speed rail link station (20 m below ground level). The existing and upcom ing Metro stations will be connected internally to the rail station at the underground level, so that commuters can easily switch to the Metro system.
The Haryana government gave its nod to the project last October, following which DIMTS has been working on the project report and business plan. A detailed engineering study, along with topography survey and geo-technical investigation, has already been conducted to understand the engineering feasibility of the project. A separate detailed report will be submitted along with the business plan in the next two months to the NCRPB for approval.
The proposed link will come up on broad gauge to accommodate high traffic.
Since the line will cover several rural belts, transit-oriented development zones (mixed-use residential or commercial areas designed to maximise access to public transport) are being worked out at Panipat IOCL, Samalkha, Gannaur Depot and Narela. At these four zones, new housing or industrial areas will get developed, which will also act as an extra source of revenue.
http://epaper.indianexpress.com/IE/IEH/2011/05/13/ArticleHtmls/13_05_2011_501_047.shtml?Mode=1
हाई स्पीड ट्रेन अब निजामुद्दीन से चलाने का प्लान
10 May 2011, 0200 hrs IST,नवभारत टाइम्स
गाजियाबाद।। दिल्ली और मेरठ के बीच प्रस्तावित हाई स्पीड ट्रेन के रूट का विस्तार करने का प्लान है। पहले तय था कि हाईस्पीड ट्रेन आनंद विहार (दिल्ली) से मेरठ के पल्लवपुरम तक जाएगी। कंसल्टेंसी कंपनी के नए प्लान के हिसाब से लोग हाई स्पीड ट्रेन में अपने सफर की शुरुआत निजामुद्दीन स्टेशन से करेंगे।
इसके साथ ही हाई स्पीड ट्रेन के रूट की लंबाई 76 से बढ़कर 90 किलोमीटर हो जाएगी। नए रूट से दो स्टेशनों का इजाफा होगा और स्टेशनों की संख्या 15 से बढ़कर 17 हो जाएगी।
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के यूपी रीजन सेल के सूत्रों के मुताबिक, हाई स्पीड ट्रेन के निजामुद्दीन से मेरठ के पल्लवपुरम तक रूट में दो स्टेशनों का इजाफा हो गया है। निजामुद्दीन से हाईस्पीड ट्रेन चलकर दिल्ली के गाजीपुर और आनंद विहार में रुकेगी। गौरतलब है कि इस रूट के एलिवेटिड ट्रैक तैयार करने में 130 करोड़ प्रति किलोमीटर तथा अंडरग्राउंड ट्रैक तैयार करने में 280 करोड़ प्रति किलोमीटर खर्च आएगा।
नए प्लान के कारण हाई स्पीड ट्रेन के अंडरग्राउंड टै्रक का रूट पहले के मुकाबले 12 किलोमीटर बढ़ जाएगा। एलिवेटिड रूट पर दो किलोमीटर दूरी का इजाफा होगा। रूट के नए डिजाइन के हिसाब से अंडर ग्राउंड 26 किलोमीटर ट्रैक तैयार करने में 7280 करोड़ रुपये और एलिवेटिड 62 किलोमीटर ट्रैक तैयार करने पर 8320 करोड़ रुपये खर्च आएगा। नए 90 किलोमीटर रूट को तैयार करने में 15,600 करोड़ रुपये खर्च जाएगा।
इस प्रोजेक्ट का असेसमेंट एनसीआर रेल कॉरपोरशन कर रहा है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक, कंसल्टेंसी कंपनी ने प्रोजेक्ट के नए रूट और डिजाइन की रिपोर्ट कॉरपोरेशन को सौंप दी है। ट्रेन के रूट में किए गए बदलाव का बड़ा कारण आनंद विहार पर पैसेंजर्स का दबाव है। फिलहाल आनंद विहार पर मेट्रो स्टेशन, ट्रेनों के लिए स्टेशन के अलावा अंतरराज्यीय बस अड्डा भी है। इसी पॉइंट पर हाई स्पीड ट्रेन का टर्मिनल बनने से पैसेंजर्स का दबाव बढ़ने की ज्यादा आशंका थी। जीडीए के चीफ इंजीनियर अनिल गर्ग का भी कहना है कि ट्रेन को निजामुद्दीन से चलाने पर आनंद विहार स्टेशन पर पैसेंजर्स का दबाव कुछ कम होगा।
Update 14 Nov 2010
RRTS Fast Trains to Meerut and Greater Noida (enroute to Khurja)
The residents of Noida, Greater Noida and Ghaziabad NH-24 could soon enjoy high speed trains under Rapid Rail Transit System (RRTS) in Phase-2. Under the plans being developed by NCR Planning Board, Ghaziabad would be soon connected to Khurja and Hapur. The train to Khurja would pass through Noida Sec 62, Noida Ext, Lal Kuan, Dadri, Sikandarabad, Bulandsahar and Khurja. While the train from Ghaziabad to Hapur would pass thru Hi Tech Cities and Dasna to Hapur along NH-24.The new elevated track would be laid out along the existing alignment of Indian Railways. These trains would have stations at every 5-10 km and trains would run at 100 km per hour.
Please read the following news article on Delhi-Ghaziabad-Khurja RRTS and Delhi-Ghaziabad-Hapur RRTS
Apart from Noida Ext and Greater Noida residents near the railway line , it is a very good news for NH-24 residents as well (Crossing Republic and Hi Tech Cities). Please see below map for Ghaziabad-Hapur existing railway line alignment
http://indiarailinfo.com/train/map/4016/5475/348
The below GDA map shows existing railway stations on Ghaziabad-Hapur route. The track would be just 200 metre away from Uppal Chadha Hi Tech City.
It is to be noted that Phase 1 of RRTS would be first run between Delhi-Ghaziabad-Meerut and Delhi-Alwar. Please refer our previous reporting on this news at below link
"In a latest development, Meerut Development Authority on 28 Oct 2010 has approved NCR Planning Board proposal for Delhi-Ghaziabad-Meerut Rapid Rail Transit System (RRTS), to be completed by 2013. Please refer to following news article on the subject
Link to Delhi-Ghaziabad-Meerut RRTS Route
http://indiarailinfo.com/train/map/7599/348/1517
http://noidaplots.files.wordpress.com/2010/11/rrts-gbd.pdf
Update: 10 Feb 2010
New Delhi: To check influx to the capital of vehicles as well as migrant families from nearby districts, the government plans to put in place eight suburban rail projects aiming to provide fast mass connectivity to these districts. Of these eight regional rapid transit systems (RRTS), which will cover 640km, the government proposes to take up three on priority basis.
These links will provide fast and reliable connectivity to those districts in UP, Haryana and Rajasthan that have been identified as the major contributors to Delhi’s increasing migrant population. A recent study by NCR Planning Board (NCRPB) shows Bulandshahr, Alwar, Meerut, Ghaziabad, Sonipat, Gurgaon, Faridabad and Rohtak as some of the key districts from
where the capital gets maximum number of migrants.
The NCRPB has proposed to take up Delhi-Ghaziabad-Meerut, Delhi-Gurgaon-Rewari-Alwar and Delhi-Sonipat-Panipat as the priority corridors. ‘‘The proposals have been approved by all the stakeholders of NCR — Delhi and three adjoining states. These will be put before the Central Cabinet for speedy implementation,’’ said a senior official of urban development ministry.
Sources said though a majority of the dedicated RRTS corridors will come up along the existing railway network across NCR, their alignment could be shifted in some cases so that these become more accessible to commuters. The present rail network is already overburdened and there is hardly any scope for augmentation of the suburban rail services on the existing tracks. Hence the proposal to have dedicated tracks for RRTS.
Recently, an Integrated Transport Plan for NCR prepared by NCRPB came out with the proposal to develope and operate the RRTS to meet the growing travel demand across the region. According to the plan estimates, RRTS will cater to 1.7 million trips per day. Though buses were expected to remain the major mode of transport across the region (27.83%), the
suburban rail and RRTS is seen as the second major mode (16.17%) for commutation.
Planners claimed a proper and efficient transport plan could reduce the demand for private transport modes from 55.5% (in 2007) to 26.32% in 2032. The plan also states that the accessibility of existing tracks was very poor, discouraging passengers.
Sources said that though the detailed project report (DPR) for the proposed corridors will identify the alignment, the frequency of these trains will be much better than the conventional EMUs running between Delhi-Palwal and Delhi- Ghaziabad.
As four partner states together with the Centre have to contribute to the implementation of RRTS, the NCRPB has proposed the formation of NCR Transport Corporation. ‘‘It will be responsible for development of integrated multi-modal transport system, including commuter rail and feeder services in NCR. We have proposed to the railway and UDM to have 22.5% equity each. The four member states can have 12.5% equity each and the NCRPB can have the rest 5% equity,’’ said a UD ministry official.
Source: Times of India: Fast Trains to NCR Towns under RRTS