Ghaziabad-Kanpur (NH-91)- Highway widening starts
साठ करोड़ में से मात्र 22 करोड़ का भुगतान
बुलंदशहर। दिल्ली से अलीगढ़ तक एनएच-91 पर सिकंदराबाद, बुलंदशहर और खुर्जा में बनने वाले तीन बाईपास निर्माण के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि का मुआवजा वितरण में हो रही देरी से किसान परेशान हैं। मुआवजे के लिए केंद्र से ६० करोड़ रुपये की धनराशि मिल चुकी है, मगर किसानों को अब तक २२ करोड़ रुपये का भुगतान हो पाया है। हाईवे को फोर लेन किए जाने का कार्य भी धीमी गति से चल रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने गाजियाबाद से सिकंराबाद, बुलंदशहर होते हुए अलीगढ़ जाने वाले फोर लेन के एनएच-९१ पर सिकंदराबाद, खुर्जा और बुलदंशहर में तीन बाईपास का निर्माण किया जाना है। इस कार्य के लिए १७५० करोड़ रुपये की स्वीकृत मिली है। जिले के ४२ गांवों की १९२.५२ हेक्टयेर भूमि जमीन बाईपास निर्माण के लिए अधिग्रहण की गई है। किसानों को इसका १.४८ अरब रुपये मुआवजा बांटा जाना है। केंद्र सरकार ने इसके लिए ६० करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं, लेकिन अनदेखी के चलते किसानों को अभी केवल २२ करोड़ रुपये का मुआवजा बांटा गया है। गाजियाबाद से अलीगढ़ तक के मार्गो को जोड़ने के लिए फोन लेन का निर्माण कार्य भी कछुआ गति से चल रहा है। किसान जमीन से बेघर हो चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक मुआवजे की रकम नहीं मिली है।
एनएच-91 को फोर लेन करने के कार्य की शुरूआत गाजियाबाद के लालकुंआ से हो चुकी है। मार्ग दादरी होते हुए सिकंदराबाद से बुलंदशहर और खुर्जा होते हुए अलीगढ़ तक चौड़ा होना। इसके निर्माण के लिए पीएनसी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को जिम्मेदारी दी गई। बुलंदशहर में निर्माण कार्य काफी धीमा चल रहा है। बुलंदशहर के गांव सुनहरा निवासी किसान जीतू ठाकुर ने बताया कि किसानों को जमीन का तय किया गया मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। किसान मुआवजे के लिए भटक रहे हैं। उन्होंने बताया कि चांदपुर, दोस्तपुर, अकबरपुर, गंगेरा सहित कई गांव का मुआवजा किसानों को नहीं मिला है।
१.४८ अरब का मुआवजा बंटेगाः बुलंदशहर, खुर्जा और सिकंदराबाद के ४२ गांवों के करीब १४४७ किसानों की १९२.५२ हेक्टयर भूमि का अर्जन हो चुका है। इन किसानों को अलग रेट से मुआवजा मिलेगा। यह करीब १.४८ अरब बैठता है। अभी तक ४०२ किसानों को २२.५ करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं। अक्तूबर तक मुआवजे की आधी रकम किसानों को बांट देनी चाहिए थी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रोजेक्ट मैनेजर एसके मिश्रा ने बताया कि केंद्र सरकार ने प्रथम किश्त में ६० करोड़ की रकम दे दी है। किसानों को मुआवजा बांटा जा रहा है।
हाईवे पर है ट्रैफिक का दबाव
फोर लेन हाईवे और बाईपास निर्माण से जिले से नोएडा और दिल्ली का आवागमन सुगम हो जाएगा। वर्तमान में इस हाईवे पर ट्रैफिक का दबाव बहुत है और दो लेन होने के कारण आवागमन में दिक्कत होती है। फोर लेन होने से दिल्ली, नोएडा, बुलंदशहर, अलीगढ़ और कानपुर मार्ग का ट्रैफिक और बेहतर होगा।
किसानों को हो रही दिक्कत
किसान राजकुमार, नेत्रपाल सिंह, अभय वीर, नरसिह पाल सिंह, देवेंद्र सिंह, आनंद पाल सिंह, रघुराज सिंह, नरेंद्र और गजराज सिंह ने बताया कि भूमि का अर्जन होने के बावजूद मुआवजा नहीं मिला है। मुआवजा लेने के लिए कागजी कार्रवाई काफी बढ़ गई है। इससे मुआवजा वितरण में भी देरी हो रही है।
भूमि अर्जन करने के बाद किसानों को मुआवजा वितरण किया जा रहा है। एडीएम के ट्रेनिंग में विदेश दौरे के कारण मुआवजा वितरण की रफ्तार कुछ धीमी हुई। संबंधित विभाग से किसानों को लिस्ट के आधार पर मुआवजा वितरण करने के निर्देश दिए गए हैं।
कामिनी चौहान रतन, डीएम बुलंदशहर
http://www.amarujala.com/city/Bulandshahr/Bulandshahr-10834-110.html
हादसे से बेफिक्र फर्राटे भरेंगे वाहन
First Published:08-12-11 01:06 AM
First Published:08-12-11 01:06 AM
दादरी। गाजियाबाद के लाल कुआं से लेकर अलीगढ़ तक बन रहा चार लेन का नेशनल हाइवे-91 कई मायनों में खास होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे इस तरह से डिजाइन किया जाएगा ताकि हादसों पर अंकुश लगाया जा सके। अभी इस सड़क पर होने वाले हादसों की वजह जानने के लिए केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) शोध कर रहा है। शोध में हाइवे के आसपास के वातावरण, प्रशासनिक मशीनरी, आपातकालीन सुविधा और अदालती कार्यवाही के आंकड़ों पर फोकस किया गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) एनएच 91 पर होने वाले सड़क हादसों को कम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों वाली तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। इसके लिए एक शोध किया जा रहा है। जिसके तहत गाजियाबाद से अलीगढ़ तक पड़ने वाले थानों से सड़क हादसों की एफआईआर, मरने वालों और घायलों के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। शोध की जिम्मेदारी केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान को सौंपी गई है।
संस्थान के अधिकारी लाल कुआं (गाजियाबाद) और अलीगढ़ के बीच पड़ने वाले सभी थानों से 2007 से अब तक हुए हादसों की एफआईआए की कॉपी मांग रहे हैं। जिससे हादसों का समय, तारीख और कारण का पता लगाया जा सके। संस्थान के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी चरन सिंह ने बताया कि इन आंकड़ों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जाएगा कि हादसे किन स्थानों पर, किस समय और किसकी गलती से हुए। रोजाना हुए तीन हादसे
गाजियाबाद से अलीगढ़ तक हाइवे के क्षेत्र में नौ थाने पड़ते हैं। इनमें बादलपुर, दादरी, सिकंदराबाद, बुलंदशहर देहात, खुर्जा देहात, खुर्जा सिटी, अरनिया, गभाना, बराना शामिल हैं। इन थाना क्षेत्रों में इस साल अब तक हुए हादसों की जानकारी सीआरआरआई को मिल गई है। इस दौरान करीब 900 हादसे हुए हैं। इस हिसाब से औसतन रोजाना तीन दुर्घटनाएं होती हैं। जिसमें तीन हजार से ज्यादा लोग घायल हुए और करीब 600 लोगों ने जान गंवाई है।
—इन बिंदुओं पर खास जोरब्लैक स्पॉट- रोड पर अकसर एक ही स्थान पर सड़क हादसे होते हैं। एक मीटर के दायरे में हुए हादसों को आधार मानकर ब्लैक स्पॉट तय किए जाएंगे।डार्क साइट- रात के अंधेरे में कितने सड़क हादसे किन-किन स्थानों पर होते हैं। वहां देखा जाएगा कि किस कारण चालक को भ्रम होता है।ब्लैक साइट- ऐसे एरिया, जहां सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं। जिसके बाद उस स्थान का विशेष रूप से सर्वेक्षण किया जाएगा।
——इन सुधारों से कम होंगे हादसेरेट ऑफ एक्सीडेंट को कम करने के लिए आंकड़ों को आधार बनाया जाएगा। पांच प्रमुख कारण ब्लैक स्पॉट, डार्क साइट या ब्लैक साइट के लिए जिम्मेदार हैं। हादसों की एफआईआर में इन तथ्यों का अध्ययन करके समाधान भी तलाश किया जाएगा।
एनवायरमेंट- इससे पता लगाया जाएगा कि पिछले पांच वर्षो में रोड पर कोहरे, धुंध या बारिश के कारण कितने एक्सीडेंट हुए हैं।इंजीनियरिंग- रोड को आसान और हादसों से बचाने के लिए किस तकनीक का प्रयोग किया जाए। सड़क का डिजाइन कैसा बनाया जाए।
एजुकेशन- पता लगाया जाएगा कि सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार लोग कितने शिक्षित थे। मतलब, सड़क पर चलने वाले लोगों में शिक्षित और अशिक्षित होने का ड्राइविंग पर क्या फर्क पड़ता है।एनफोर्समेंट- पुलिस की सड़क हादसों में क्या भूमिका रही है।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके क्या किया है। अक्सर तेज रफ्तार और चालक की लापरवाही बताते हुए मुकदमा दर्ज किया जाता है लेकिन इसके अलावा भी कारण हो सकते हैं।एनपावरमेंट- कोर्ट में लंबित मामलों का पता लगाया जा रहा है। लोग सड़क हादसों के मामलों को हल्के में लेते हैं। सोचते हैं कि सड़क हादसा कोई बड़ा अपराध नही हैं। जिसकी बड़ी सजा भी नहीं है। ऐसे में लोग सड़क पर लापरवाही से चलते हैं।ं
http://www.livehindustan.com/news/location/rajwarkhabre/article1-story-248-0-205439.html&locatiopnvalue=9
जीटी रोड पर मिलेगा जाम से छुटकारा
10 Nov 2011, 0400 hrs IST,नवभारत टाइम्स
एनबीटी न्यूज॥ ग्रेटर नोएडा
दादरी में जीटी रोड पर लगने वाले जाम से लोगों को जल्द ही छुटकारा मिल सकता है। इस रोड पर बाईपास बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाते हुए 17 गांवों में अवॉर्ड घोषित कर मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मुआवजे के लिए एडीएम लैंड एक्विजिशन के ऑफिस में अब तक 50 किसान अर्जी लगा चुके हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए चिप्याना बुजुर्ग और नंगला चमरू के बीच 17 गांवों की 480 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है।
यूपी के 4 जिलों गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर और अलीगढ़ से गुजरने वाली सड़कों को 6 लेन बनाने का निर्णय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने लिया है। इसके साथ ही 7 बाईपास और 32 अंडरपास बनाने की प्लानिंग है। गाजियाबाद से अलीगढ़ तक 58 बस-वे और 24 बस स्टॉप बनाए जाएंगे।
एडीएम लैंड एक्विजिशन हरनाम सिंह ने बताया कि ने 17 गांवों में अवॉर्ड घोषित कर मुआवजा वितरण का काम शुरू हो गया है। मुआवजा देने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से फंड दिया गया है। गांवों में कैंप लगाकर मुआवजा दिया जाएगा। जिस गांव की 70 फीसदी किसानों की फाइल तैयार हो जाएगी, वहां कैंप लगा दिया जाएगा।
दादरी के अलावा सिकंद्राबाद, बुलंदशहर, खुर्जा, गभाना और अलीगढ़ में भी बाईपास का निर्माण करवाया जाएगा। प्रस्तावित सड़क पर दो टोल प्लाजा लगाने की योजना है। दोनों टोल प्लाजा के बीच करीब 50 किलोमीटर का गैप होगा। इसके अलावा हाईवे पर लाइट्स लगाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
http://navbharattimes.indiatimes.com/delhiarticleshow/10671809.cms
हाइवे चौड़ीकरण के लिए काटे जा रहे पेड़
21 Apr 2011, 0400 hrs IST
एक संवाददाता।। ग्रेटर नोएडा/बुलंदशहर
गाजियाबाद से लेकर अलीगढ़ तक एनएच-91 (जीटी रोड) को 6 लेन का करने के लिए सड़क के किनारे स्थित हरे पेड़ों को काटा जा रहा है। सड़क चौड़ीकरण के लिए करीब 19 हजार पेड़ों को काटा जाएगा। अब तक करीब 2500-3000 हजार पेड़ों को काटा जा चुका है। यह सड़क यूपी के 4 जिलों गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर और अलीगढ़ से होकर गुजरेगी।
ट्रैफिक जाम से बचाने के लिए दादरी, सिकंदराबाद, बुलंदशहर, खुर्जा, गभाना और अलीगढ़ में बाईपास का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही गाजियाबाद से अलीगढ़ तक 32 अंडरपास बनाए जाने हैं। इसके अलावा 58 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड का भी निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। इस पर नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएएचआई) करीब 1200 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
नहीं हटाया जाएगा अतिक्रमण
रोड के किनारे स्थित बडे़ स्तर पर आवासीय शैक्षिक एवं व्यावसायिक परिसर बने हुए हैं। ऐसे भवनों को नहीं तोड़ा जाएगा। शहरों में तोड़फोड़ से बचने के लिए बाईपास बनाए जाने हैं। एनएएचआई 58 किलोमीटर लंबी रोड के किनारे से जमीन एक्वायर करेगी। इसके अलावा बाईपास के लिए भी जमीन अधिग्रहण की जानी है। एनएएचआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एस. के. मिश्र ने बताया कि चारांे जिलों में 6 माह में मुआवजा किसानों को दे दिया जाएगा। मुआवजा सर्कल रेट के आधार पर दिया जाएगा।
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/8041101.cms
970 और कंपनियां होंगी बुलंदशहर में
11 Apr 2011, 0400 hrs IST
एक संवाददाता ॥ बुलंदशहर
बुलंदशहर के यूथ के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें नौकरी करने के लिए कहीं दूर नहीं जाना पड़ेगा। सबकुछ ठीक रहा तो उन्हें अपने ही जनपद में अच्छी नौकरियां बढि़या पैकेज पर मिलेंगी। अभी जिले में एक हजार उद्योग – धंधे चल रहे हैं। इसके अलावा जिला उद्योग केंद्र को 970 छोटे – बडे़ उद्योग – धंधे लगाने का लक्ष्य मिला है। इतनी बड़ी संख्या में जब उद्योग चालू होंगे तो जाहिर है लोगों को घर के पास ही सारी सुविधाएं मिलेंगी।
उद्योग केंद्र के जीएम वाई . पी . गुप्ता ने बताया कि शासन की ओर निर्धारित लक्ष्य में एक दर्जन से अधिक बड़ी कंपनियां लगाने की बात कही गई है। उद्योग केंद्र को चालू वित्तीय वर्ष में 970 छोटे – बडेे़ उद्योग – धंधे लगाने का लक्ष्य मिला है। लक्ष्य पूरा होते ही जिले की तस्वीर बदल जाएगी। गुप्ता ने बताया कि सिकंद्राबाद में दो बड़ी कंपनियों की यूनिटें स्थापित करने को जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। बिरला ग्रुप के अधिकारी भी संपर्क में हैं। कनोडि़या ग्रुप कंपनी सिकंद्राबाद व खुर्जा में बडे़ स्तर पर स्टील फैक्ट्री का निर्माण कराने के लिए भूमि तलाश रही है। बताया गया कि करीब 60 एकड़ जमीन ग्रुप को मिल गई है। चोला एरिया के किसानों की मांग पूरी हो जाए तो 9 हजार एकड़ जमीन में छोटी बड़ी इंडस्ट्रियल का निर्माण किया जाएगा। सिकंद्राबाद इंडस्ट्रियल एरिया मंे जो कंपनियां बडे़ स्केल पर चल रही हैं , वे दूसरी यूनिट लगाने के लिए जमीन तलाश रही हैं। उद्योगपति अरुण गोयल ने बताया कि गाजियाबाद व नोएडा , ग्रेटर नोएडा में उद्योग लगाने के नाम पर जमीन नहीं है , जो बची हैं वह महंगाई की वजह से आसमान छू रही हैं। गाजियाबाद से अलीगढ़ के बीच 116 किमी . की दूरी एनएच 91 बनने पर आसान हो जाएगा। 6 बाईपास बनने से ग्रेटर नोएडा जैसी सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। उद्योगपति एन . के . मोदी ने बताया कि उद्योग धंधे रिहायशी इलाकों से अलग ही अच्छे लगते हैं। खुर्जा और सिकंद्राबाद के नजदीक उद्योग धंधे लगाने में कई फायदे हैं।
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/7934630.cms
Update 11 Feb 2011
एनएच-91 : अप्रैल से शुरू होगा विकास कार्य
सब कुछ ठीक रहा तो एनएच-91 चौड़ीकरण बाईपास का निर्माण अप्रैलमाह से शुरू हो जाएगा।किसानों से भूमि अधिग्रहण मुआवजा करार पटरी पर है।विकास कार्य शुरू करने के वास्ते जरूरी संसाधन व उपकरण स्थापित कर लिए गएहैं। साल के चौथे माह में युद्ध स्तर पर विकास कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
वह दिन दूर नहीं जब अलीगढ़ से बुलंदशहर होते हुए दिल्ली तक का करीब 126 किमी लंबा सफर किसी रोमांच से कम नहीं होगा। नए साल 2011 मेंअलीगढ़-गाजियाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग-91 एवं चार बाईपास निर्माण प्रोजेक्टका करीब एक चौथाई कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। वर्ष 2012तक एनएच-91वर्ल्डक्लास हाई-वे शुमार हो जाएगा।
केंद्र सरकार ने कंपनी को बिल्ड एंड ओपरेट (बीएओ) यानि कि ‘बनाओ और खुदलागत वसूलो’ मॉडल पर एनएच चौड़ीकरण एवं बाईपास निर्माण का ठेका दिया है।लिहाजा पीएनसीआईएल इसे रिकार्ड समय में पूर्ण करने की योजना बनाई है। इसकेवास्ते कंपनी ने खुर्जा में हॉट मिक्स प्लांट लगा लिया है। खुर्जा, बुलंदशहर, दादरी सिकंदराबाद इलाके में मौजूदा राजमार्ग के दोनो ओर पेड़कटवाने, बिजली एवं टेलीफोन के खंभे को हटाने का कार्य शुरू कर दिया है।एनएच-91 के ठीक बगल में कई आवासीय एवं व्यवसायिक परिसर एवं दुकानें बनी हुईहै। इन्हें खाली कराने एवं मुआवजा करार में समय लगेगा। लिहाजा पीएनसीआईएलने बुलंदशहर बाईपास, खुर्जा बाईपास, सिकंदराबाद एवं दादरी बाईपास कोनिर्माण को पहले चरण में ही पूर्ण करने की रणनीति बनाई है। दरअसल बाईपास केलिए कंपनी को आसानी से जमीन मिल रही है। प्रस्तावित बाईपास की जमीन कृषिभूमि है। कंपनी की सोच है कि यहां कार्य शुरू करने में विशेष परेशानी नहींहोगी।
बता दें कि राष्ट्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 16 जून 2010 को एनएचचौड़ीकरण एवं बाईपास निर्माण के लिए अधिसूचना जारी कर तकनीकि रूप से जमीनअधिग्रहण कर लिया था। इसके तहत 43 गांवों की जमीन अधिगृहीत की जाएगी।मंत्रालय ने एडीएम प्रशासन डीएस पाठक को मुआवजा दर तय करने एवं किसानों सेवार्ता करने को अधिकृत किया है। कंपनी सूत्रों का कहना है कि बुलंदशहर नगरके आसपास के तीन गांवों की जमीन के लिए किसानों से करार अंतिम चरण में है।इसके अलावा शेष 40 गांवों की जमीन भी रिकार्ड समय में करार के बाद कब्जेमें ली जाएगी। कंपनी सूत्रों की मानें तो अप्रैल तक अधिकांश जमीन के लिएकरार पूर्ण कर लिया जाएगा। बता दें कि इस परियोजना पर पीएनसीआईएल को करीब 1750 करोड़ रुपए खर्च आएगा। कंपनी वर्ष 2032 तक टोल टैक्स वसूलकर यह रकम एवंलाभ कमाएगी।
लोक निर्माण विभाग के नोडल अधिकारी वीके सिंह ने बताया कि पीएनसीइंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड बीएओ मॉडल पर एनएच चौड़ीकरण व बाईपास निर्माणकराएगी। कंपनी नेसाल के अप्रैल माह तक कार्य शुरू करने के संबंध मेंसूचना प्रेषित की है।
http://jnilive.mobi/bulandshahar/?p=399
14 Dec 2010
NH-91 Widening work has started as the contractor sets-up the hot mix plant at Khurja. The NH-91 highway widening to 4-lane is being undertaken by NHAI on PPP model and is expected to cost 1750 crores. The contractor, PNCIL (Pradeep-Navin-Chakresh Infra Ltd) would bear all the construction cost aand would charge toll on the road till year 2032.
National Highway 91 (NH 91) is a National Highway in India entirely within the state of Uttar Pradesh. NH 91 links Ghaziabad, on the outskirts of New Delhi to Kanpur. The total length of NH 91 runs to 405 km (252 mi). Starting from NH 2 in Kanpur it runs northwest and ends at Ghaziabad near to Delhi at NH 24.
National Highway 91 (NH 91) is a National Highway in India entirely within the state of Uttar Pradesh. NH 91 links Ghaziabad, on the outskirts of New Delhi to Kanpur. The total length of NH 91 runs to 405 km (252 mi). Starting from NH 2 in Kanpur it runs northwest and ends at Ghaziabad near to Delhi at NH 24.
The highway passes through Kanpur, Barrajpur, Bihaur, Makkanpur, Kannauj, Gursahaiganj, Chhibramau, Bewar, Bhogaon, Kurawali, Etah, Sikandra Rao, Aligarh, Arnia, Khurja, Bulandshahr, Sikandrabad, Dadri, Ghaziabad.
Source: Ghaziabad-Kanpur-NH91-widening
Ghaziabad-Kanpur NH-91 Map
एनएच-91बनेगा वर्ल्डक्लास हाईवे
Nov 29, 08:17 pm
-परियोजना पर केंद्र सरकार खर्च करेगी 1256 करोड़
अलीगढ़ से गाजियाबाद रूट पर छह बाईपास बनेंगे, क्लोव सेपरेटर, अंडरपास, ओवरब्रिज भी होंगे
सुमन लाल कर्ण, बुलंदशहर
बुलंदशहर की सड़कों के मामले में तकदीर बदलने जा रही है। यमुना एक्सप्रेसवे के बाद अब गाजियाबाद से अलीगढ़ तक एनएच-91वर्ल्ड क्लास बनेगा। केंद्रसरकार से हरी झंडी मिलने के बाद सड़क के चौड़ीकरण और जनपद में बाईपासनिर्माण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। भूमि अधिग्रहण के लिए एडीएम प्रशासनने गांवों का सर्वे कर किसानों से मुआवजा समझौता के लिए वार्ता की। करीब1256 करोड़ की योजना के जल्द ही साकार होने की उम्मीद है।
जल्द ही राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 91 मार्ग पर सफर किसी अंतरराष्ट्रीयहाईवे पर ड्राईव जैसा रोमांच देगा। हाईवे के चार और छह लेन में बदलने, अलीगढ़ से गाजियाबाद रूट पर छह बाईपास बनने, क्लोव सेपरेटर, अंडरपास, ओवरब्रिज, आला दर्जे का सौंदर्यीकरण एवं जगह-जगह वाकिंग रैंप बनने से जनपदविकास की नई इबारत लिखेगा। वर्षो से ठंडे बस्ते में पड़े करीब 1256 करोड़ कीइस परियोजना के लिए अब युद्ध स्तर पर कार्य शुरू कर दिया गया है।
केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय एवं राष्ट्रीय राजमार्गविकास प्राधिकरण (एनएचएआई) के निर्देश पर प्रशासन के अधिकारी राजमार्गचौड़ीकरण एवं बाईपास निर्माण के लिए जमीन जुटाने में जुट गए हैं। एडीएमप्रशासन डीएस पाठक ने राजस्व अफसरों के साथ नगर से सटे दरियापुर, अकबरपुर, अड़ौली गांव पहुंचे और अधिग्रहीत की जा रही जमीन का भौतिक सत्यापन किया।उन्होंने किसानों के दावे-आपत्ति की भी समीक्षा की।
यहां बता दें कि केंद्रीय मंत्रालय ने गाजियाबाद-बुलंदशहर-अलीगढ़ सेक्शनपर किमी संख्या 48.00 से 107.100 किमी तक एनएच चौड़ीकरण व छह बाइपासनिर्माण के लिए तीन माह पूर्व भूमि अधिग्रहण अधिसूचना जारी की। पहले फेजमें चौड़ीकरण के वास्ते सिकंदराबाद के 8, बुलंदशहर के 12 व खुर्जा के 23 गांवों की जमीन ली जा रही है। कई जगह तो सड़क के किनारे बने मकान, दुकान, व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी तोड़े जाएंगे। भूमि अधिग्रहण के लिए सर्वे एवंएनओसी लेने की प्रक्रिया तीन-चार वर्ष से चल रही थी।
एडीएम प्रशासन डीएस पाठक ने बताया कि जल्द ही भूमि अर्जन की प्रक्रियापूरी कर ली जाएगी। एनएचएआई मेरठ जोन के नोडल अधिकारी एके मिश्रा का कहना हैजमीन अधिग्रहीत होते ही युद्ध स्तर पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
इनसेट- एक
जनपद को होगा सर्वाधिक लाभ
बुलंदशहर: गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर व अलीगढ़ जिले से करीब 126 किमी लंबे हाईवे का कायाकल्प होगा। इससे सर्वाधिक फायदा जनपद को होगा। यहमार्ग गाजियाबाद में 1.6 किमी, गौतबुद्धनगर में 24.2 किमी, बुलंदशहर से59.2 किमी व अलीगढ़ से 33.1 किमी लंबाई से गुजरता है। कानपुर, गाजियाबादएवं दिल्ली से बेहतर संपर्क होने से जनपद की समृद्धि बढ़ना तय है। इससे जामकी समस्या से भी निजात मिलेगी।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_6957840.html
सुहाना होगा अलीगढ़ और दिल्ली का सफर
Jun 26, 01:04 am
बुलंदशहर। जनपद में चार-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग और चार बाईपास निर्माणका रास्ता साफ हो गया है। भारत सरकार ने शुक्रवार को 1256 करोड़ रुपए लागतकी इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण के वास्ते राजपत्रप्रकाशित कर दियाहै। इससे अलीगढ़-बुलंदशहर सेगाजियाबाद, दिल्ली तक का सफर सुहाना होगा।एनसीआर के सर्वाधिक हाईटेक राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने की राह की बड़ी बाधादूर होने से आमजन को राहत मिलेगी।
केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के वास्ते 1256 करोड़ रुपएस्वीकृत होने के बावजूद जमीन की किल्लत के कारण यह लंबे अरसे से खटाई मेंथी। भूमि अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती थी। इस लिहाज से देखें तो शुक्रवार बड़ीकामयाबी का दिन रहा।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गअधिनियम 1956 की धारा-3घ की उपधारा (2) के अनुसरण में 'भारत का राजपत्र' घोषित किया है। इसके तहत एनएच-91 (अलीगढ़-खुर्जा-बुलंदशहर-गाजियाबादराष्ट्रीय राजमार्ग) चौड़ीकरण के लिए जनपद के 13 गावों की जमीन शुक्रवार कोअधिग्रहीत कर ली गईहै।
गजट संख्या डीएल-33004/99 के मुताबिक सभी विल्लंगमों से मुक्त होकरजनपद की तेरह गांवों की 130.35 हेक्टेयर जमीन आत्यान्तिक रूप से केंद्रसरकार की निहित हो गई है। यानि कि उक्त जमीन पर मालिकाना हक केंद्र सरकारका हो चुका है। करीब दो वर्ष पूर्व इस परियोजना के लिए सर्वे शुरू हुआ था।डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हुए भी डेढ़ वर्ष बीत गए थे। मौजूदा एनएच कोचार/छह लेन में बदलने के अतिरिक्त जाम व यातायात दवाब कम करने की नीयत सेछह बाईपास, 43 अंडर पास, चौदह एकांतर बनाए जाना प्रस्तावित हुआ था। पिछलेसाल भू अधिग्रहण के लिए भारत सरकार ने गजट प्रकाशित किया था। भारतीयराष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इसी वर्ष फरवरी में किसानों सेदावे आपत्तियां मांगे थे। दरअसल, मौजूदा एनएच-91 के दोनो ओर सैकड़ों आवास वव्यावसायिक प्रतिष्ठान, उद्यम, बारातघर, स्कूल-कालेज हैं, दर्जनोंभू-स्वामियों ने दावे आपत्तियां की। वैसे तो जनपद के 52 गांवों की भूमिअधिग्रहीत होनी है, लेकिन प्रथम फेज में 13 गांवों की सूची जारी होनापरियोजना की सफलता के नजरिए से बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
एनएचएआई बुलंदशहर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एस के मिश्रा का कहना है किइस परियोजना के लिए बुलंदशहर में स्वतंत्र एनएचएआई दफ्तर खोला गया है। यहींसे कार्य की मानिटरिंग होगी। भूमि अधिग्रहण के बाद कार्य जल्द शुरू होनेकी उम्मीद है।
इस परियोजना की लंबाई करीब 116 किमी लंबी है। यह सड़क गाजियाबाद जिले से1.6 किमी, गौतमबुद्धनगर से 24.2 किमी, बुलंदशहर जनपद से 59.2 किमी वअलीगढ़ से 33.1 किमी लंबाई से गुजरती है। इसके अलावा संपूर्ण परियोजना मेंछह बाईपास बनना प्रस्तावित है। इसमें से चार जनपद बुलंदशहर में ही बनेंगे।इससे घंटों जाम और ट्राफिक की भीड़-भाड़ से मदद मिलेगी।
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परियोजना एक नजर में
परियोजना लागत-1256 करोड़
चौड़ीकरण लंबाई- 116.55 किमी
गाजियाबाद में लंबाई-1.683 किमी
जेबीनगर में लंबाई- 23.285 किमी
बुलंदशहर में लंबाई-59.246 किमी
अलीगढ़ में लंबाई -33.019 किमी
उपलब्ध भूमि-270 हेक्टेयर
अधिग्रहण हेतु भूमि-480 हेक्टेयर
रेलवे ओवरब्रिज -चार
बड़े पुल का निर्माण-दो
अंडर पास-43
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इन बाईपास पर जाम से मिलेगी निजात
-दादरी बाईपास- 8.15 किमी
-सिकंदराबाद बाईपास-6.1 किमी
-बुलंदशहर बाईपास 5.5 किमी
-खुर्जा बाईपास- 9.2 किमी
-गभाना बाईपास -8.2किमी
-अलीगढ़ बाईपास- 20.3 किमी
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