Raj Nagar Ext: Good bet for ready-to-move affordable housing
Raj Nagar Extension (Ghaziabad NH-58)
In an era of affordable housing post-recession, Raj Nagar Extension has emerged as one of the leader for people looking for such houses in NCR. Infact it provides the best options for people looking for ready-to-move housing at the best possible rates in NCR.
तुरंत फ्लैट में रहना है तो आइए राजनगर
हिमांशु शेखर / गाजियाबाद February 09, 2011
जो ग्राहक अपने फ्लैट की चाबी जल्द चाहते हैं, उनके लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक आकर्षक ठिकाना बनकर उभरा है गाजियाबाद का राजनगर एक्सटेंशन। एनसीआर के ज्यादातर रिहायशी ठिकानों में मकान खरीदने वालों को अपनी फ्लैट की चाबी पानी के लिए दो से चार साल तक का इंतजार करना पड़ रहा है लेकिन राजनगर एक्सटेंशन में तैयार फ्लैट भी मिल रहे हैं। यहां प्रॉपर्टी की कीमत भी अभी बहुत ज्यादा नहीं बढ़ी है और यातायात के लिहाज से भी इसे ठीक जगह माना जा रहा है। हालांकि, सार्वजनिक परिवहन की सवारी करने वालों को थोड़ी दिक्कत हो सकती है लेकिन भविष्य में मेट्रो आने की चर्चा थोड़ी राहत देने वाली है। गाजियाबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग-24 से सटे इलाकों में भी बड़ी संख्या में रिहायशी परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं।
राजनगर एक्सटेंशन को ऐसे लोग प्राथमिकता दे रहे हैं जो पैसा देने के बाद तुरंत अपने फ्लैट में जाना चाहते हैं। इस इलाके में निर्माण कार्य 2008-09 में शुरू हुआ था और अब तक तकरीबन 4,500 फ्लैटों की चाबी ग्राहकों को सौंप दी गई है। रिवर हाइट्स के नाम से अपनी परियोजना लाने वाली कंपनी लैंडक्राफ्ट के एक अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि उनकी कंपनी ने सबसे पहले इस इलाके में ग्राहकों को फ्लैट की चाबी सौंपने की शुरुआत की। इस इलाके में तकरीबन 120 परिवार आकर रहने लगे हैं।
राजनगर एक्सटेंशन डेवलपर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता मनु गर्ग ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, 'इस इलाके में रियल एस्टेट का कारोबार बढऩे की पूरी गुंजाइश है। मुख्य सड़क से यह मात्र दो-तीन किलोमीटर की दूरी पर है और बेहतरीन सड़कों से जुड़ा हुआ है। पास में ही जीडी गोयनका स्कूल है। जो चल रहा है। यह इस इलाके को और आकर्षक बनाता है।' इस इलाके में प्रॉपर्टी की दर अभी 1,800-2,100 रुपये प्रति वर्ग फुट है। इस क्षेत्र में सामान्य तौर पर 12 लाख से 40 लाख रुपये तक के फ्लैट मिल रहे हैं। गर्ग बताते हैं कि इस इलाके में बुकिंग की दर उत्साहजनक है और तब भी बुकिंग हो रही थी जब दूसरे रियल एस्टेट बाजार में मंदी थी। राष्ट्रीय राजमार्ग-24 से सटे इलाकों में विकसित हो रही परियोजनाओं को ग्राहकों से मिलने वाली प्रतिक्रिया की बाबत वेव सिटी के कार्यकारी निदेशक आर.के. जैन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, 'यह बेहद उत्साहजनक है और कहें तो उम्मीद से ज्यादा है। 2010 के अप्रैल के मुकाबले कीमतों में मामूली इजाफा हुआ है।' उन्होंने बताया कि हम अपनी परियोजना का पहला चरण अगले 30 महीने में पूरा कर लेंगे। इस राजमार्ग से सटे इलाकों में कई बड़ी-छोटी कंपनियां अपनी रिहायशी परियोजनाएं विकसित कर रही हैं.
http://hindi.business-standard.com/hin/storypage.php?autono=43610
दिल्ली में अफोर्डेबल हाउसिंग
4 Feb 2011, 0400 hrs IST, हेलो दिल्ली
इन दिनों दिल्ली-एनसीआर में किन जगहों को सबसे ज्यादा संभावनाओं वाली जगहों के रूप में देख रहे हैं? खासतौर पर
अफोर्डेबल हाउसिंग के नजरिए से।
संयोग से दिल्ली-एनसीआर में कई जगहें अफोर्डेबल हाउसिंग के नजरिए से काफी संभावनाओं वाली हैं। इनमें नोएडा एक्सटेंशन, राजनगर एक्सटेंशन, नोएडा सेक्टर 21, 75, क्रॉसिंग रिपब्लिक, इंदिरापुरम आदि शामिल हैं। कम बजट के हिसाब से बात करें, तो इस समय नोएडा एक्सटेंशन, राजनगर एक्सटेंशन और क्रॉसिंग रिपब्लिक सबसे बेहतर चॉइस हैं। हायर मिडल क्लास के लिए इंदिरापुरम अच्छा इलाका रहेगा, क्योंकि वह इन सभी जगहों में सबसे ज्यादा विकसित है। वहां 2 बेडरूम अपार्टमेंट की कीमत 35-40 लाख रुपये है। इससे कम की चाह रखने वाले नोएडा एक्सटेंशन या राजनगर एक्सटेंशन जा सकते हैं, जहां 2 बेडरूम अपार्टमेंट 15-20 लाख रुपये तक आसानी से मिल जाएगा।
अगर इन जगहों की विशेषताओं के बारे में पूछें, तो?
सभी जगहों में खास अंतर अलग-अलग जगहों से नजदीकियों का है। राजनगर एक्सटेंशन गाजियाबाद मुख्य शहर से लगा हुआ है, तो नोएडा एक्सटेंशन ग्रेटर नोएडा और नोएडा दोनों के पास है। वहीं, इंदिरापुरम दिल्ली के बेहद नजदीक है। नोएडा एक्सटेंशन में स्कूल, अस्पताल, शॉपिंग मॉल, एजुकेशनल इंस्टिट्यूट्स, मेट्रो जैसी बेसिक सुविधाएं 5 से 10 किलोमीटर ही उपलब्ध हैं। यह इलाका ग्रेटर नोएडा में होने के कारण ग्रेनो की तरह अच्छी तरह प्लान किया जा रहा है। यहां 135 मीटर चौड़ी सड़कें हैं। वहीं, गाजियाबाद के नए इलाकों में बेसिक सुविधाओं से नजदीकी तो है, लेकिन गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अंतर्गत होने के कारण तंग सड़कों जैसी कुछ मूल समस्याएं भी हैं।
फ्लैट बेचते समय जो एरिया बताया जाता है, क्या वास्तव में वह फ्लैट का ही एरिया होता है?
देखिए, तीन तरह के एरिया होते हैं। कारपेट एरिया, कवर्ड एरिया और सुपर एरिया। कारपेट एरिया फ्लैट के अंदर वह जगह है, जिस पर आप कारपेट बिछा सकें, यानी इसमें दीवारें शामिल नहीं होतीं। कवर्ड एरिया में कारपेट एरिया + दीवारें और बालकनी की जगह शामिल होती है, जबकि सुपर एरिया में सोसाइटी के अंदर साझा इस्तेमाल की चीजें भी शामिल कर ली जाती हैं, जैसे – लिफ्ट, जेनरेटर रूम, पार्क, पार्किंग, लॉबी आदि। फ्लैट का साइज दरअसल, सुपर एरिया होता है, जिसमें कवर्ड एरिया और सुपर एरिया की जगहें जोड़ी जाती हैं। सुपर एरिया कवर्ड एरिया का लगभग 20 प्रतिशत होता है, जिसे कवर्ड एरिया का लोडिंग फैक्टर कहा जाता है। मान लीजिए, फ्लैट का कवर्ड एरिया 1000 स्क्वेयर फीट है और सुपर एरिया 200 स्क्वेयर फीट, तो फ्लैट का साइज 1200 स्क्वेयर फीट कहा जाएगा। इसे 'सेलेबल एरिया' भी कहा जाता है।
क्या फ्लैट के एरिया के अलावा जगह की भी कीमत वसूल करना उचित है?
बिल्कुल। बिल्डर को किसी भी प्रॉजेक्ट में केवल 20 प्रतिशत जगह पर ही कंस्ट्रक्शन करने की अनुमति होती है। यह सही है कि पहली नजर में इस 20 प्रतिशत जगह की कीमत वसूल करने की ही बात सही लगती है, लेकिन बाकी 80 प्रतिशत जगह का इस्तेमाल भी कंस्यूमर ही इस्तेमाल करते हैं। इन जगहों को रेगुलर मेंटिनेंस की भी जरूरत होती है, जिसके लिए लगातार पैसे भी चाहिए। बिल्डर ग्राहकों से केवल थोड़ा-सा शेयर ही लेते हैं।
आपने मेंटिनेंस की बात की। सोसाइटी मेंटिनेंस भी काफी ज्यादा होता है। इसे तय करने का क्या आधार होता है?
मेंटिनेंस कॉस्ट सोसाइटी में दी जाने वाली सुविधाओं पर निर्भर करती है। जितनी लग्जरी सुविधाएं होंगी, मेंटिनेंस कॉस्ट उतनी ही ज्यादा होगी। अगर सोसाइटी में फ्लैटों की संख्या ज्यादा है, तो प्रति फ्लैट मेंटिनेंस चार्ज कम हो जाएगा, नहीं तो अच्छी-खासी रकम मेंटिनेंस कॉस्ट के रूप में देनी पड़ेगी। प्री-लॉन्च के समय बुकिंग कराने पर आमतौर पर इंटरेस्ट फ्री वन टाइम मेंटिनेंस चार्ज लिया जाता है, जिसे पजेशन के समय जमा कराना पड़ता है। इसके बाद कुछ बरसों तक यह चार्ज नहीं देना पड़ता। सोसाइटी में रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन बन जाने के बाद मेंटिनेंस फंड एसोसिएशन को ट्रांसफर कर दिया जाता है। इस फंड के इनवेस्टमेंट से मिलने वाले इंटरेस्ट से भी मेंटिनेंस का काफी खर्च निकल जाता है।
प्री-लॉन्च में फ्लैट बुक कराते समय क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
प्री-लॉन्च के समय में आपके सामने धरातल पर कुछ नहीं होता, इसलिए बिल्डर के ट्रैक रिकॉर्ड को सावधानी से जांच-परख लेना जरूरी होता है। इसके अलावा, यह भी देख लें कि कोई अच्छा फाइनैंशल इंस्टिट्यूशन उस प्रॉजेक्ट को फाइनैंस कर रहा हो और उस पर आसानी से लोन भी उपलब्ध हो। जमीन के मालिकाना हक की जांच करना भी बहुत जरूरी होता है। यह सुनिश्चित कर लें कि उस जमीन का मालिकाना हक बिल्डर के ही पास हो। इसके अलावा बाकी सभी सटिर्फिकेट्स भी हासिल कर लिए गए हैं।
प्रॉजेक्ट्स के विज्ञापनों में किसी खास बैंक या फाइनैंस कंपनी से होम लोन उपलब्ध कराने की बात लिखी जाती है, इसका क्या मतलब होता है?
इसका मतलब यह होता है कि उस डिवेलपर ने संबंधित इंस्टि्यूशन से प्रॉजेक्ट पर लोन देने के लिए टाईअप किया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उस प्रोजेक्ट पर कहीं और से फाइनैंस नहीं मिलेगा। दरअसल, उस कंपनी या बैंक से होम लोन लेने पर ग्राहकों को आसानी होती है और उनका काम जल्दी हो जाता है, क्योंकि बैंक के पास डिवेलपर की फाइल पहले ही तैयार होती है, जिसमें प्रोजक्ट की डिटेल्स, उसकी जांच की रिपोर्ट, लैंड टाइटिल की जांच रिपोर्ट, फाइनैंशल हालात आदि को लेकर बैंक पहले ही संतुष्ट हो चुका होता है। अब बैंक को केवल कंस्यूमर के लेवल पर संतुष्ट होकर लोन पास करना बाकी रह जाता है।
अभी प्रॉपर्टी की कीमतों में और कितना उछाल आ सकता है?
बिल्डिंग मटीरियल की कॉस्ट लगातार बढ़ रही है, जगह-जगह सर्कल रेट भी बढ़ रहे हैं, ऐसे में अगले छह महीनों में सभी तरह की प्रॉपटीर्ज की कीमतों में करीब 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
इधर, होम लोन एक बार फिर महंगे हो रहे हैं। क्या इसका असर प्रॉपर्टी की कीमतों या डिमांड पर पड़ सकता है?
आज का कन्ज़यूमर काफी स्मार्ट हो गया है। वह जानता है कि आज होम लोन महंगे हैं, तो कल इनके सस्ते होने का लाभ भी उन्हें ही मिलेगा।
http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/7424018.cms
दुबई स्टाइल की टाउनशिप हो रही तैयार
27 Jan 2011, 0400 hrs IST
क्या है खास…
– टाउनशिप में लोगों को हर वह सुविधाएं मिलंेगी जो किसी बेहतरीन होटल में मिलती है
– इंटरनैशनल स्टैंडर्ड का स्टेडियम होगा, जो फरवरी के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा
– टीम इंडिया के पूर्व कैप्टन कपिल देव व सुरेश रैना की देखरेख मंे तैयार किया जा रहा है
– मेन एंटी गेट पर दुबई की टाउनशिप की तर्ज पर म्यूजिकल फाउंटेन लगाया जाएगा
– अपार्टमेंट के ऊपरी मंजिल में रहने वाले लोगांे के लिए हाई स्पीड लिफ्ट लगाई जाएगी
– क्लब, सिनेमा थियेटर, स्विमिंग पूल, जिम्नेजियम, कॉन्फ्रेंस हॉल सहित कई सुविधाएं
एनबीटी न्यूज ॥ गाजियाबाद
नैशनल हाइवे 58 स्थित राजनगर एक्सटेंशन में लग्जरी टाउनशिप जल्द ही तैयार हो जाएगी। विभोर वैभव इन्फ्राहोम एडरेसेस (वीवीआईपी एडरेसेस) नाम से इस टाउनशिप में लोगों को हर वह सुविधाएं मिलंेगी जो किसी बेहतरीन होटल में मिलती है। टाउनशिप के बीच में अत्याधुनिक सुविधायुक्त स्टेडियम तैयार किया जाएगा जिसमें स्टेट, नैशनल यहां तक की इंटरनैशनल लेवल के क्रिकेट मैच कराए जा सकें। इसके अलावा शानदार स्विमिंग पूल, जिम्नेजियम, कॉन्फ्रेंस हॉल, सिनेमा थियेटर, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और क्लब की सुविधा मिलेगी। वहीं सिक्युरिटी के भी पुख्ता इंतजाम होंगे। इस टाउनशिप में 2000 फ्लैट्स बनाए जाएंगे।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वीवीआईपी कंपनी के सीएमडी प्रवीण त्यागी ने यह जानकारी दी। इस दौरान उनके साथ कंपनी के एमडी हरजीत सिंह व आलोक शर्मा भी मौजूद थे। त्यागी ने बताया कि कंपनी का यह पहला प्रोजेक्ट है। इसलिए पूरा जोर रहेगा कि टाउनशिप में रहने वाले लोगांे को वह सब सुविधाएं मिलें जो उनकी लाइफस्टाइल को बदल दे। टाउनशिप में बने 2, 3, 4 व डीलक्स कैटिगरी के फ्लैट में लोगों को हर फैसिलिटी मिलेगी।
उन्हांेने बताया कि एनसीआर में रीयल एस्टेट की कई कंपनियां टाउनशिप बना रही हैं, लेकिन जो फैसिलिटी उन्हंे यहां मिलेगी वह शायद ही कहीं मिले। उन्होंने बताया कि राजनगर एक्सटेंशन में वीवीआईपी एडरेसेस एक मिनी सिटी के रूप में डिवेलप की जाएगी, जो इंटरनैशनल स्टैंडर्ड की होगी। मैन एंट्री गेट पर म्यूजिकल फाउंटेन लगाया जाएगा। यह फाउंटेन ऐसा होगा जो दुबई में बनी टाउनशिप में लगाए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि टाउनशिप में चारों तरफ अपार्टमेंट बनाए जाएंगे। बीच में इंटरनैशनल स्टैंडर्ड का स्टेडियम होगा , जो फरवरी के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा। स्टेडियम के बनने के बाद शहर में नैशनल व इंटरनैशनल स्टैंडर्ड के मैच होंगे। यह स्टेडियम टीम इंडिया के पूर्व कैप्टन कपिल देव व क्रिकेटर सुरेश रैना की देखरेख मंे तैयार किया जा रहा है। स्टेडियम के बनने के बाद अपार्टमेंट के बच्चे यहां क्रिकेट की प्रैक्टिस करके उसमें करियर बनाएंगे। उन्होंने बताया कि अपार्टमेंट के ऊपरी मंजिल में रहने वाले लोगांे के लिए हाई स्पीड लिफ्ट लगाई जाएगी। इसके अलावा क्लब , सिनेमा थियेटर , स्विमिंग पूल , जिम्नेजियम , कॉन्फ्रेंस हॉल व कई अन्य फैसिलिटी मुहैया कराया जाएगा। सिक्युरिटी के लिए मेन गेट पर सेंसर लगाया जाएगा और बाहरी लोगों को अंदर आने से पहले जांच की जा एगी।
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/7367722.cms
फरवरी में शुरू होगा हिंडन पर दो नए पुलों का निर्माण
21 Jan 2011, 0400 hrs IST
नगर संवाददाता ॥ गाजियाबाद
हिंडन नदी पर प्रस्तावित दोनों पुलों के बनाने का काम फरवरी से शुरू हो जाएगा। एक पुल जीटी रोड पर दोे पुराने पुलों के
बीच में बनेगा। साढ़े दस मीटर चौड़े पुल को बनाने के लिए 30 करोड़ रुपये खर्च आएगा। दूसरा पुल करहेड़ा के पास बनेगा, जिसके निर्माण पर करीब 32 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस पुल के लिए अप्रोच रोड बनाने का काम शुरू हो चुका है। जीडीए के चीफ इंजीनियर के मुताबिक करहेड़ा के पास बनने वाले पुल के लिए दो और जीटी रोड पर बनने वाले पुल के लिए चार कंपनियों ने टेंडर डाले हैं।
जीटी रोड पर बनने वाला पुल
अनिल गर्ग ने बताया कि इन दोनों ही पुलों के लिए 19 जनवरी तक टेंडर डालने का समय दिया गया था। गुरुवार को टेंडर खोले गए। गर्ग ने बताया कि जीटी रोड पर बनने वाले नए पुल को बनाने के लिए चार कंपनियों ने टेंडर डाले हंै। उन्होंने बताया कि उनकी टेक्निकल बिड खोली गई है, जिसकी जांच की जा रही है। चीफ इंजीनियर ने दावा किया है कि फरवरी में पुल निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। इससे पहले निर्माण में आड़े आ रही हिंडन पुलिस चौकी की बिल्डिंग को भी तोड़ा जाएगा। पुल बनाने वाली कंपनी को निर्माण के लिए 18 महीने का समय दिया जाएगा।
क्या होगा फायदा
जीटी रोड के लिए हिंडन नदी पर फिलहाल दो पुल है। मेरठ रोड तिराहे से मोहन नगर की ओर जाने वाला ट्रैफिक अब पुराने पुल पर फंसता है। यहां तीसरे पुल के बनने के बाद मेरठ रोड तिराहे से मोहननगर की और जाने वाला टै्रफिक स्मूद होगा।
करहेड़ा के पास बनने वाला पुल
करहेड़ा के पास हिंडन नदी पर सिंचाई विभाग पुल बनाने जा रहा है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ग्यास आलम के मुताबिक इस पुल को बनाने के लिए दो कंपनियों ने टेंडर डाले हैं। उन्होंने बताया कि टेक्निकल बिड खोलने के बाद एक्सपर्ट कंपनियों के दावों की तहकीकात की जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि फरवरी से इस पुल के बनाने का काम शुरू हो जाएगा। इस पर 32 करोड़ रुपये खर्च हो रहे है।
क्या होगा फायदा
करहेड़ा के पास हिंडन नदी पर साढे़ दस मीटर चौड़ा पुल बन जाने के बाद नूर नगर सिहानी रोड से मोहन नगर जाने वाला ट्रैफिक स्मूद होगा। इसके अलावा मोहन नगर की ओर से मेरठ की और जाने वाला ट्रैफिक भी नॉन स्टॉप होगा।
http://navbharattimes.indiatimes.com/delhiarticleshow/7328712.cms
We have already paid Rs 70 lakh to the DMRC for a fresh retake on Metro connectivity to Mohan Nagar.
ANIL GARG, chief engineer, GDA
This year, it is not just going to be about Metro connectivity from Anand Vihar to Vaishali but also about Metro making life easier for daily commuters from Noida and Trans Hindon colonies to the city.
The Ghaziabad Development Authority (GDA) has also started work on the project. Metro connectivity to Mohan Nagar will mean a smooth travel for those who work in the main city.
“We have already paid Rs 70 lakh to the Delhi Metro Rail Corporation (DMRC) for a fresh retake on Metro connectivity to Mohan Nagar. This year we also hope to see new bus routes that will facilitate commuters from Indirapuram and Noida Sector 62,“ says GDA chief engineer, Anil Garg. There is a lot of traffic movement at the Mohan Nagar crossing, almost 50 cars per minute, as per a study done by the GDA earlier. The Metro will finally come to Ghaziabad in March 2011.With both Kaushambi and Mohan Nagar stations being commissioned this year, the extension to Mohan Nagar also might turn into a reality this year.
“It will be a big boon because with a growing number of malls, MNCs and corporate offices, the number of office goers has increased. Metro is the biggest need here because like Delhi, the congestion on roads can be dealt with,“ says GD Saxena, a resident of Vaibhav Khand who works at the Raj Nagar District Centre. “DMRC had submitted the detailed project report for the Dilshad Garden-New Bus Depot corridor to the GDA. The agency has given some suggestions. We are in the process of incorporating them and are submitting a final report on the project,“ says chief public relations officer, DMRC, Anuj Dayal.
This year, work on phase 2 of the Delhi Metro is also set to begin. This would mean a better Metro network in the city.
“Ghaziabad has changed beyond words. Business centres have come up at Maharajpur, the main city zone and Mohan Nagar. A large number of people will come to the city for employment this year.
I go all the way from Vaishali to the Chaudhary Morh to work,“ says Sunita Bisht, executive at Opulent Mall. FACT FILE There will be Metro connectivity from Delhi and from there, the Rapid Rail Transit System will make commuting easier.
The total cost of the project from Anand Vihar is Rs 1,600 crore. The Metro corridor into Ghaziabad for a length of 2.57 km up to Vaishali is being completed at a total cost of Rs 260 . crore. The Metro will meet the new deadline of March 2011.
The total distance from Anand Vihar ISBT is 2.57 km.
There are already 61 trains running on line 3 (Dwarka-Noida)
and line 4 (Yamuna BankAnand Vihar ISBT) combined.
By 2011 as per an estimate, the ridership on the Anand Vihar-Vaishali section will be . 40,000. After Kaushambi and Vaishali, the Metro will reach Vasundhara and Indirapuram as well.
http://epaper.hindustantimes.com/PUBLICATIONS/HT/HD/2011/01/07/ArticleHtmls/Metro-to-reach-Mohan-Nagar-07012011757006.shtml?Mode=1#
गाजियाबाद में बस गए दो नए शहर |
Story Update : Tuesday, December 07, 2010 12:18 AM |
दो साल में शहर की बढ़ जाएगी दो लाख आबादी
राजनगर एक्सटेंशन में बनेंगे १५००० मकान
क्रासिंग रिपब्लिक में ३५००० मकान बनेंगे
शुरू हो गई है दोनों टाउनशिप में आबादी
गाजियाबाद।
जीडीए भले ही बड़ी आवासीय योजनाएं लाने की तैयारी में जुटा है लेकिन जिन नई कालोनियों में लोग रहने शुरू हो गए हैं, उनकी समस्याओं के बारे में किसी का ध्यान नहीं है। महानगर में राजनगर एक्सटेंशन और क्रासिंग रिपब्लिक टाउनशिप में लोगों ने रहना शुरू कर दिया है। लेकिन जिस तरह से यहां कालोनियां विकसित की जा रही हैं उस हिसाब से सुविधाओं के लिए कोई तैयारी नहीं दिखती।
राजनगर एक्सटेंशन में आने वाले दो सालों में १५ हजार मकान बनकर तैयार हो जाएंगे। यहां करीब एक हजार मकान तैयार हो गए हैं और इनमें लोगों ने रहना शुरू कर दिया है। क्रासिंग रिपब्लिक में ३५ हजार मकान बन रहे हैं। इनमें ढाई हजार मकानों का कब्जा दे दिया गया है और आबादी शुरू हो गई है। इन दोनों टाउनशिप में जब मकान पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएंगे तो शहर की दो लाख आबादी बढ़ जाएगी। ऐसे में सरकारी तंत्र के सामने कई समस्याएं चुनौती बनकर खड़ी होंगी, जिन पर अभी से ध्यान देने की जरूरत है।
राजनगर एक्सटेंशन में करीब २५ बिल्डर काम कर रहे हैं। एलआईजी से लेकर एचआईजी तक मकान यहां बनाए गए हैं। इस योजना की लाइफ लाइन मेरठ रोड बाईपास का काम जीडीए ने पूरा करा दिया है। इसके बाद राजनगर एक्सटेंशन शहर से कनेक्ट हो गया है। जीटी रोड और मेरठ रोड से कनेक्टीविटी की वजह से इसकी ओर लोगों का रुझान बढ़ा है। बिल्डरों का कहना है कि दो साल में १५ हजार मकान बनाकर लोगों को रहने के लिए दे दिए जाएंगे। बिल्डर यहां दस से १५ मंजिले टावर बना रहे हैं। अगर एक परिवार में चार सदस्य भी माने जाएं तो इस हिसाब से यहां ६० हजार आबादी हो जाएगी। फिलहाल देखने में पूरे शहर का रूप राजनगर एक्सटेंशन ने ले लिया है। ठीक इसी तरह से एनएच-२४ के किनारे क्रासिंग रिपब्लिक के नाम से दूसरा शहर तैयार हो गया है। यहां १२५ टावर बने हैं, जिनमें फिनिशिंग वर्क चल रहा है। वर्तमान में यहां ढाई हजार लोगों को मकान का कब्जा मिल गया है। दो साल में यहां करीब ३५ हजार मकान बनकर तैयार हो जाएंगे। यानी यहां कम से कम एक लाख ४० हजार आबादी बढ़ जाएगी। बिल्डरों का कहना है कि सालभर के भीतर यहां १२ हजार मकान बनाकर दे दिए जाएंगे।
नए शहरों से चुनौतियां
-नए शहरों में आबादी बढ़ते ही सड़कों पर लगेगा जाम
-अधिकांशतः हर घर में वाहन होगा ऐसे में सड़कों पर बढ़ेगा वाहनों का दबाव
-सीवरेज सिस्टम बेहतर नहीं हुआ तो सड़कों पर गंदा पानी बहेगा
-सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने होंगे
-बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही, नए बिजली घर नहीं बने तो आएगी दिक्कत
-मांग के हिसाब से बिजली अभी नहीं मिल रही है
-पेयजल संकट लेगा बड़ा रूप, पानी के लिए अभी से मारामारी
-भूजल के भरोसे ही हैं बड़ी-बड़ी टाउनशिप
-शहर जिस हिसाब से बढ़ रहा है उसको देखते हुए ये जरूरी है कि सुरक्षा के साधनों में वृद्धि की जाए
अभी से क्या किया जाए
-सड़कों के चौड़ीकरण का काम होना चाहिए
-जहां लिंक रोड और ओवर ब्रिज बनाने की योजना है उस पर काम शुरू होना चाहिए
-सीवर ट्रीटमेंट प्लांट और बनाने की जरूरत है
-बिजली घर के लिए बिल्डर भूमि देने को तैयार हैं ऐसे में काम शुरू कर देना चाहिए
-गंगाजल की आपूर्ति के लिए नए निर्माणाधीन प्लांट की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है
-सुरक्षा की दृष्टि से नए थाने और चौकियां खुलनी चाहिए
बाहरी विकास कराएगा जीडीएः वीसी
जीडीए उपाध्यक्ष नरेंद्र कुमार चौधरी का कहना है कि इन दोनों टाउनशिप में बाहरी विकास जीडीए कराएगा। एनएच-२४ और एनएच-५८ से दोनों टाउनशिप कनेक्ट हो गई है। ग्रेटर नोएडा वाली रोड जिस दिन एनएच-२४ से कनेक्ट हो जाएगी उस दिन क्रासिंग रिपब्लिक की परिवहन की समस्या लगभग समाप्त हो जाएगी। नए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनवाने का काम शुरू कर दिया गया है। बिजलीघरों के निर्माण के लिए पावर कारपोरेशन के अफसरों से बात चल रही है।
चौड़ी होगी सीवरेज लाइन
नूर नगर, सिहानी और क्रासिंग रिपब्लिक क्षेत्र में परिवारों की संख्या में इजाफा होने से यहां दस से बारह इंच के बजाये २६ से २८ इंच चौड़ी सीवरेज लाइन बिछाई जाएगी। ताकि, रेजीडेंट्स को जल निकासी से जूझना नहीं पड़े।
महा प्रबंधक बाबूलाल
जलकल विभाग
http://www.amarujala.com/city/CityDetail.aspx?id=3464&cid=111
May 28, 2009 – New Delhi: Finding a home that fits into your modest budget may look like a dream, but it may not be impossible anymore as Raj Nagar Extension on NH-58 is the upcoming budget lane for the buyers. This place solely caters to the middle class stratum of the society .Budget homes being the new buzzword led to the formation of Raj Nagar Extn. (NH 58) Builder's association, a collective effort of 15 renowned names of the real estate industry to promote Raj Nagar Extension as an impending connoisseur's delight for those who wants to own a dream house of their own.
The place enjoys the status of being NCR's most well planned city having high connectivity with Delhi as well as Noida (15 min. drive), Greater Noida (35 min.), Vasundhara (10 min.), Indirapuram (10 min.), Vaishali (10 min.), Meerut and Hapur (40 min.). Not only this! The other major development taking place is the construction of six -lane expressway connecting G.T. Road with NH-58 which eventually goes straight to Dehradun via Meerut apart from the metro rail which is on the verge of knocking the doors of Raj Nagar Ext. (NH-58), which surely will help the customers at large.
The Association comprises the who's who right from Ashiana homes, SVP, SG Estates, Landcraft, KDP Infrastructure Pvt. Ltd., Shreya Developwell Pvt. Ltd., Shree Energy Developers Pvt. Ltd., Ajnara Farms & Services, Ascent Buildtech, Nitishree to upcoming developers like High End Infratech, Krishna Asset Reconstruction, MCC Builders, Quantam Buildwell Pvt Ltd and Shomit Finance Limited.
According to Mr. Manu Garg (Spokesperson, Raj Nagar Ext. (NH-58) Builder Association)
Raj Nagar Extension is a one stop destination for the clientele where they have wide variety to choose from right from a 1BHK ranging from Rs 12 lacs to a 3 Bhk of 40 lacs with amenities likes Entertainment Zone, Shopping Paradise, jogging tracks, in other words you name it you have it there and the icing on top being their unique affordability plans through tie ups with banks like HDFC, ING, Axis, UBI, ICICI, LIC Housing and SBI etc thus cutting down all the add on burdens from their customers minds and as well as their pockets…
Raj Nagar Extension
Raj Nagar Extension is a one-stop destination for a wide band of middle class end users, offering choices ranging from a 1BHK for Rs 12 lakh to a 3BHK for 40 lakh, and throwing in amenities likes entertainment zones, shopping arcades, and jogging tracks. It falls under Ghaziabad district, which is strategically located, in terms of two National Highways – NH-91 (GT Road) and NH-58 (Meerut Road, which goes towards Dehradun) – passing through it. Invariably, the traffic density on these roads is very high which forced planners to build a mini, sixlane expressway, which will link NH-91 to NH-58, bypassing the high traffic density area of Ghaziabad.
Recently, 15 developers in the region formed Raj Nagar Extension (NH-58) Builder’s association in a bid at collective effort to develop the area. The place enjoys the status as the most well planned city in the NCR, having high connectivity with Delhi as well as Noida (15-minute drive), Greater Noida (35 minutes), Vasundhara (10 minutes), Indirapuram (10 minutes), Vaishali (10 minutes), Meerut and Hapur (40 minutes each).
And, that is not the end to it! Soon, the area will be connected through a sixlane expressway connecting GT Road with NH-58, which eventually goes straight to Dehradun via Meerut. The Metro Rail is also on the verge of knocking the doors of Raj Nagar Extension, which will surely help residents and transform the area. The place is 25 km from the Central Business District of Connaught Place and only 12 km from Delhi boarder.
The Raj Nagar Extension is situated on this new Meerut bypass. The entire area is yet to be developed. This has given the authority and developers a chance to carry on a planned development in the area. As it is near the bypass, one can travel to Delhi or other cities without crossing the crowded areas of Meerut or Ghaziabad.
This area is in the vicinity of posh localities of Ghaziabad like Raj Nagar and Kavi Nagar, located centrally, yet buffered from the hustle and bustle of the busy township of Ghaziabad. Therefore, the location offers an ideal and serene setting for a pollution-free living in a well-planned locale with excellent connectivity to areas like Delhi, through a proposed Metro link, and Noida and Greater Noida, by way of the proposed expressways.
Further, the proposed flyover and road from Hindon Airbase will offer express connectivity to Delhi via Wazirabad. As per the latest policy development, the proposed Delhi-Haridwar highway will also pass through Raj Nagar Extension, further enhancing connectivity of the area.
As formulated by Uttar Pradesh government, a girls hostel, a vocationalcollege, and a training institute have also been announced in vicinity of Raj Nagar Extension. Work on these projects has already begun and will accelerate development in the area. To sum it up, Raj Nagar Extension will have multiple lanes of connectivity with Delhi and nearby areas by way of the proposed expressway, flyover and the Metro link.
With real estate at Noida, Greater Noida and Indirapuram and surrounding locations quoting premium and unaffordabe rates, this location offers an opportunity for entry at an “withinreach pricing” with excellent future scope of capital appreciation, with additional benefits like a well planned location with an excellent connectivity and a huge green buffer.
According to Raj Nagar Extension (NH-58) Builder Association, “The initiative will help achieve modern amenities and luxurious living at affordable prices.” The association was born with an aim to bring the infrastructure, facilities and amenities in the area in a coordinated manner in the shortest possible time. “To develop the area fast,” , a need was felt to liaison with various government authorities in a more collective manner.
http://www.propertieshut.com/ghaziabad/raj-nagar-extension.html
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