Greater Noida (Jewar) Airport- Awaiting Green Signal
उम्मीद के अखिलेश लगाएंगे जिले के विकास को पंख
ग्रेटर नोएडा
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद नोएडा व ग्रेटर नोएडा में कुछ परियोजनाओं के प्रभावित होने की अटकलों का बाजार गर्म है। वहीं कुछ ऐसी परियोजनाओं के भी दिन फिरने वाले हैं, जिनके निर्माण की योजना आठ वर्ष पहले सपा सरकार के कार्यकाल में बनी थी। इन परियोजनाओं पर बसपा शासनकाल के दौरान पिछले पांच वर्ष में कोई काम नहीं हुआ। इनमें प्रमुख रूप से नाइट सफारी और बोड़ाकी रेलवे स्टेशन हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद जेवर एयरपोर्ट को भी केंद्र सरकार से हरी झंडी मिल सकती है। इन तीन महत्वकांक्षी परियोजनाओं पर काम हुआ, तो विकास के मामले में ग्रेटर नोएडा की तस्वीर बदल जाएंगे।
फॉर्मूला वन कार रेस होने के बाद ग्रेटर नोएडा की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनी है, लेकिन बोड़ाकी रेलवे स्टेशन समेत कई योजना ऐसी हैं, जिनके निर्माण से सीधे जनहित को फायदा होगा। इनमें से एक बोड़ाकी रेलवे स्टेशन है। इसके निर्माण की योजना 2004 में सपा सरकार के कार्यकाल में बनाई गई थी। ग्रेटर नोएडा में यह एकमात्र रेलवे स्टेशन हैं। शहर वासियों ने ट्रेन पकड़ने के लिए अभी दिल्ली व गाजियाबाद जाना पड़ता है। प्राधिकरण ने लोगों की सहूलियत के लिए बोड़ाकी में राष्ट्रीय स्तर का स्टेशन बनाने की योजना शुरू की थी। आठ सौ करोड़ रुपये की लागत से 250 एकड़ जमीन पर स्टेशन का निर्माण किया जाना था। यहां पर सभी बड़ी ट्रेनों के ठहराव की योजना बनाई गई थी। इसी तरह देश की पहली और विश्व की पांचवीं नाइट सफारी ग्रेटर नोएडा में बनाने की योजना बनाई गई थी। करीब 250 एकड़ जमीन पर बनने वाली नाइट सफारी के निर्माण पर करीब एक हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पैसे की कमी का हवाला देकर इन दोनों योजनाओं पर पिछले पांच वर्ष में कोई काम नहीं किया। सूत्रों का कहना है कि इन दोनों परियोजनाओं के अब दिन फिरने वाले हैं। सपा प्रदेश सरकार शीघ्र इनका निर्माण शुरू कराने का फैसला ले सकती है। बोड़ाकी रेलवे स्टेशन के निर्माण से शहर वासियों को भारी सहूलियत होगी, उन्हें ट्रेन पकड़ने के लिए दिल्ली व गाजियाबाद नहीं जाना पड़ेगा।
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